दुनिया में किसी भी समय फैल सकती है एक और महामारी, डब्ल्यूएचओ ने कोरोना पैनडेमिक के चार साल बाद जारी किया दूसरा अलर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी करीब चार साल बाद फिर आई है। कोरोना महामारी को 11 मार्च 2020 में महामारी घोषित किया गया था।

 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 24, 2024 3:38 PM IST / Updated: Mar 24 2024, 10:41 PM IST

नई दिल्ली। दुनिया में एक और महामारी का खतरा मंडरा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी कर कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी के चार साल बाद एक बार फिर खतरे का संकेत है। पूरी दुनिया में एक बार फिर किसी भी समय महामारी फैल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी करीब चार साल बाद फिर आई है। कोरोना महामारी को 11 मार्च 2020 में महामारी घोषित किया गया था।

स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम के संक्रामक रोगों के स्पेशलिस्ट्स ने महामारी फैलाने वाले एक वायरस के बारे में जानकारी होने पर चिंता जताई है। संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने कहा कि वायरस जानवरों से मनुष्यों में तेजी से फैलने में सक्षम है और यह दुनिया में हाहाकार मचा सकता है।

किंग्स कॉलेज लंदन के संक्रामक रोगों की क्लिनिकल लेक्चरर डॉ.नथाली मैकडरमॉट ने कहा कि अगली महामारी बहुत करीब है। यह दो साल में भी आ सकती है या यह 20 साल भी लगा सकती है। या इससे लंबी भी हो सकती है। लेकिन हमको अलर्ट रहना होगा। हमें सतर्क रहने, तैयार रहने और इसको रोकने के लिए हर स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। यह भारी तबाही मचाएगी।

पर्यावरण के संग छेड़छाड़ क्या बन रही दुनिया पर संकट की वजह

पूरी दुनिया के पर्यावरण विद्, ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ को लेकर परेशान और चिंतित हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल वार्मिंग और वनों की कटाई से वायरस या बैक्टीरिया के जानवरों से मनुष्यों में आने का खतरा बढ़ रहा है।

डॉ. मैकडरमॉट ने कहा कि अमेज़न और अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में पेड़ों की कटाई से जानवर और कीड़े-मकौड़े इंसानों के आवास के करीब आ रहे हैं। हम ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो फैलने के लिए व्याप्त है। इसके अलावा बढ़ते तापमान के साथ यूरोप के उन हिस्सों में मच्छर व अन्य कीट जनित वायरस जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और क्रीमियन कांगो रक्तस्रावी बुखार (सीसीएचएफ) का प्रकोप हो रहा है जो पहले अप्रभावित थे।

कोरोना जैसी महामारी जीवन में एक बार आती लेकिन...

वैज्ञानिकों का मानना है कि अक्सर जीवनकाल में एक बार ही कोरोना जैसी महामारी आती है। लेकिन अब यह बदल रहा है। कोरोना से दुनिया भर में अनुमानित छह मिलियन से अधिक मौतें हुई थी। लेकिन यह महामारी चार दशक में ही सामने आ गई थी। 1981 में पहचाने गए एचआईवी/एड्स के कारण वैश्विक स्तर पर 36 मिलियन मौतें हुई हैं। इससे पहले 1968 में हांगकांग फ्लू महामारी के कारण लगभग दस लाख मौतें हुईं। 1918 के स्पेनिश फ्लू ने 50 मिलियन लोगों की जान ले ली।

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