तालिबान come Back:आज हो सकता है मुखिया का ऐलान; 150 के बजाय 640 पैसेंजर लेकर उड़ा विमान

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद Taliban आज राष्ट्रपति के नाम का ऐलान कर सकता है। वहां अभी भी भगदड़ के हालात हैं। लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं। अमेरिका अपने लोगों की सुरक्षा के लिए 1000 जवान और भेज रहा है।

काबुल. 20 साल बाद अफगानिस्तान में फिर से तालिबान का come Back हो गया है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को लेकर कतर के दोहा में मंथन चल रहा है। आज तालिबान नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान कर सकता है। इधर, देश में अभी भी अफरा-तफरी का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं। अमेरिका अपने लोगों को निकालने काबुल एयरपोर्ट की सिक्योरिटी के मद्देनजर 1000 और सैनिक भेज रहा है। इधर, 60 से अधिक देशों ने तालिबान से कहा है कि वो अफगानिस्तान छोड़कर जाने वालों के लिए वो सुरक्षित रास्ते दे। (फोटो twitter से साभार)

अजीत डोभाल ने की बातचीत
मंगलवार सुबह अफगानिस्तान से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के मुद्दे पर भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए से बात की। वहीं, अफगानिस्तान के मौजूदा संकट को देखते हुए Ministry of Home Affairs (MHA) ने वीजा प्रोविजन की समीक्षा की। एक नई कैटेगरी इलेक्ट्रोनिक वीजा(e-Emergency X-Misc Visa) के तहत आवेदन किए जा सकेंगे।  भारत सरकार ने काबुल में स्थित राजदूत रुदेंद्र टंडन और अन्य भारतीय स्टाफ को एयरलिफ्ट किया है। वायुसेना का ग्लोबमास्टर C-17 एयरक्राफ्ट काबुल से 130 से ज्यादा लोगों को लेकर मंगलवार सुबह वहां से रवाना हुआ, जो गुजरात के जामनगर में लैंड किया। इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा-तालिबान दूसरे देशों के लिए भी परेशानी पैदा करेगा। हमने पिछले 7 सालों में आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। सीमा पार आतंकवाद की स्थिति को नियंत्रण करने में भारत अपने आप में मज़बूत और आत्मनिर्भर है।

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एक हवाई जहाज में दोगुने यात्री
हालात यह हैं कि 150 पैसेंजर की फ्लाइट में 4 गुने तक लोग बैठाए गए। एक tweet के मुताबिक, लोगों के गिड़गिड़ाने के बाद पायलट पिघल गया और उसने 150 के बजाय 640 पैसेंजर के साथ उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना का विमान C17 ग्लोबमास्टर भी कल अपने नागरिकों को लेकर भारत लौट आया।

UNSC की इमरजेंसी मीटिंग में तालिबान से संयम बरतने को कहा
सोमवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि तालिबान मानवीयता दिखाते हुए संयम बरते। UNSC ने सभी देशों से गुजारिश की है कि वो शरणार्थियों को आसरा दें। भारत के भारत के विदेश मंत्री ( External Affairs Minister Dr. S Jaishankar)  ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने पर कहा कि अमेरिकी प्रयासों की तहेदिल से सराहना करें।

यह भी पढ़ें-UN Security Council की इमरजेंसी मीटिंगः सेक्रेटरी जनरल ने सभी देशों से अफगानी शरणार्थियों को स्वीकारने की अपील

आज हो सकता है अफगानिस्तान में तालिबानी शासन का ऐलान
अफगानिस्तान में सरकार को लेकर कतर के दोहा में मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि आज तालिबान अफगानिस्तान में अपने राष्ट्रपति का ऐलान कर सकता है। इसमें मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम सबसे आगे आ रहा है। गनी बरादर इस समय दोहा में भी मौजूद है। बता दें कि चीन, रूस, तुर्की और पाकिस्तान तालिबान सरकार को मान्यता देने की बात कह चुके हैं। चीन, रूस और पाकिस्तान ने काबुल में अपनी एबेंसी जारी रखने का ऐलान किया है।

मुझे पता था कि मेरी आलोचना होगी-बाइडन
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तमाम देशों में आलोचना हो रही है। इस पर सोमवार देर रात उन्होंने देश को संबोधित किया। बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका का मकसद अलकायदा का खात्मा था। वहां अमेरिका का राज स्थापित करना कभी उद्देश्य नहीं रहा। बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका सेना लगातार जोखिम नहीं उठा सकती थी। 20 सालों के कठिन समय के बाद उन्होंने सीखा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता था। बाइडन ने कहा कि उन्हें मालूम था कि इस फैसले से उनकी आलोचन होगी, लेकिन उन्हें यह मंजूर है। वे इस फैसले को अगले राष्ट्रपति के लिए नहीं छोड़ सकते थे। चार राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में यह चलता रहा। अब इसे पांचवें राष्ट्रपति के लिए नहीं छोड़ा जा सकता था। बाइडन ने कहा कि वहां की लीडरशिप ने बिना लड़े हार मानी है।

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