ISIS ने बच्चों के सिर काटे, मांस बंधकों को खिलाया, खौफनाक है इस महिला की कहानी

ISIS आतंकियों ने 9 साल की यजीदी बच्ची फावजिया अमीन सिदो को बंधक बनाकर बच्चों का मांस खिलाया। 9 साल की कैद के बाद इजरायली सेना ने उसे मुक्त कराया।

Vivek Kumar | Published : Oct 20, 2024 6:13 AM IST / Updated: Oct 20 2024, 11:45 AM IST

वर्ल्ड डेस्क। इजरायली सेना ने दो सप्ताह पहले गाजा से यजीदी महिला फावजिया अमीन सिदो को मुक्त कराया। वह 9 साल की थी तब ISIS के आतंकियों ने उसे बंधक बना लिया था। बाद में उसे गाजा में बंधक बनाकर रखा गया।

अमीन सिदो ने बंधक बनाकर रखे जाने के दौरान खुद पर किए गए अत्याचारों को याद किया है। उन्होंने कहा कि 9 साल की उम्र में उसे अपने भाइयों के साथ बंधक बनाया गया था। उसे सिंजर से ताल अफार तक पैदल ले जाया गया। तीन दिन तक भूखा रखा गया इसके बाद खाने के लिए चावल और मांस दिया गया। बाद में पता चला कि मांस यजीदी बच्चों का था।

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सिर कटे बच्चों की तस्वीरें दिखाईं, कहा- इनका मांस खाया है

यरूशलेम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अमीन सिदो ने कहा, "उन्होंने चावल बनाया और हमें इसके साथ खाने के लिए मांस दिया। मांस का स्वाद अजीब था। हम में से कुछ को बाद में पेट में दर्द हुआ। उन्होंने हमें बताया कि यह यजीदी बच्चों का मांस था। उन्होंने हमें सिर कटे बच्चों की तस्वीरें दिखाईं। कहा कि ये बच्चे हैं जिन्हें आपने अभी खाया था।"

उन्होंने कहा, "यह जानकर की बच्चे का मांस खाया एक महिला को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। एक मां ने हाथ देखकर अपने बच्चे को पहचान लिया। उन्होंने हमें मजबूर किया।"

उत्तरी इराक में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक हैं यजीदी

सिदो 2014 में ISIS द्वारा बंधक बनाई गई बहुत सी यजीदी महिलाओं में से एक थी। यजीदी उत्तरी इराक में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। ISIS के आतंकियों ने इनपर भंयकर अत्याचार किया है। ISIS द्वारा अपने कैदियों को इंसान का मांस खिलाए जाने का आरोप नया नहीं है। यजीदी के सांसद वियान दखिल ने पहली बार 2017 में इसके बारे में जानकारी दी थी।

सिदो के साथ अत्याचार जबरन इंसानी मांस खिलाए जाने से खत्म नहीं हुआ। उसे 200 अन्य यजीदी महिलाओं और बच्चों के साथ जमीन के नीचे बने जेल में नौ महीने रखा गया। दूषित पानी के कारण कुछ बच्चों की मौत हो गई। सिदो को कई जिहादी लड़ाकों को बेचा गया। इसमें अबू अमर अल-माकड़ी भी शामिल था, जिसके साथ उनके दो बच्चे थे।

वर्षों की कैद के बाद उसे अमेरिकी दूतावास के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन में इजरायली सैनिकों द्वारा बचाया गया। वह इराक में अपने परिवार के पास लौट गईं हैं। उसके बच्चे अपने कैदी के परिवार के साथ गाजा में हैं। उन्हें अरब मुसलमान के रूप में पाला जा रहा है।

यह भी पढ़ें- नेतन्याहू पर हमला? ड्रोन बम ने इजरायली डिफेंस सिस्टम को भेदा, मचा हड़कंप

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