88 साल की उर्मिला चतुर्वेदी ने पिछले 28 सालों से भोजन नहीं किया है। उर्मिला चतुर्वेदी ने व्रत लिया था कि वो अन्न ग्रहण नहीं करेंगी, बल्कि सिर्फ दूध और फलहार कर तबतक जीवन बिताएंगी, जबतक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता. यह संकल्प उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 में विवादित ढांचे के गिरने के बाद लिया था।और आज 28 साल बाद आखिरकार उनकी यह इच्छा पूरी होने जा रही है. उनकी ये भी इच्छा थी की वह राम मंदिर निर्माण से पहले हो रहे भूमि पूजन में हिस्सा ले लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते वह भूमि पूजन में नहीं जा पा रही हैं।