सार
Maruti Suzuki ने कहा है कि तीसरी तिमाही के दौरान semiconductor की कमी से लगभग 90,000 वाहनों का प्रोडक्शन नहीं किया जा सका है। कंपनी चौथी तिमाही में उत्पादन बढ़ाने की उम्मीद करती है, हालांकि यह पूरी क्षमता तक प्रोडक्शन नहीं कर पाएगी।
ऑटो डेस्क, Maruti Suzuki expects car production to improve as chip supply perks up : देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारूति सुजुकी भी प्रोडक्शन की कमी से जूझ रही है। बीते साल इस वजह से उसे नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं कंपनी आने वाले वर्षों में घरेलू यात्री वाहन (domestic passenger vehicle segment) में 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी वापस पाने के लिए अपने एसयूवी पोर्टफोलियो को बढ़ाने में जुटी हुई है। मारुति सुजुकी को उम्मीद है कि चालू तिमाही में उसकी उत्पादन गतिविधि में सुधार हो जाएगा । कंपनी ने कहा कि महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की आपूर्ति की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
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90,000 वाहनों का प्रोडक्शन रुका
मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) के सीएफओ अजय सेठ ( Ajay Seth, CFO Maruti Suzuki India ) ने कहा कि तीसरी तिमाही के दौरान semiconductor की कमी से लगभग 90,000 वाहनों का प्रोडक्शन नहीं किया जा सका है। “हालांकि अभी भी अप्रत्याशित कमी जारी है, लेकिन धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति (electronics supply) की स्थिति में सुधार हो रहा है। कंपनी चौथी तिमाही में उत्पादन बढ़ाने की उम्मीद करती है, हालांकि यह पूरी क्षमता तक प्रोडक्शन नहीं कर पाएगी।"
एक साल में 22 लाख यूनिट का होता है उत्पादन
वर्तमान में, मारुति सुजुकी की हरियाणा और गुजरात में अपने विनिर्माण संयंत्रों में लगभग 5.5 लाख यूनिट प्रति तिमाही प्रोडक्शन कर रही है। दोनों यूनिट्स में लगभग 22 लाख यूनिट प्रति वर्ष की संचयी उत्पादन (cumulative production capacity) की क्षमता है। सेठ ने यह भी कहा कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की कमी का अनुभव हुआ है, त्योहार के समय जब सबसे अधिक डिमांड होती है तब इस कमी की वजह से कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि “तीसरी तिमाही में पूछताछ, बुकिंग और खुदरा बिक्री में सुधार दिखाई दिया है।
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चालू तिमाही से बड़ी उम्मीदें
कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल सितंबर से सेमीकंडक्टर की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है, हालांकि इस दौरान मारुति अपने उत्पादन लक्ष्य का केवल 40 प्रतिशत ही रोल आउट कर पाई थी। शशांक ने कहा कि हम जनवरी, फरवरी और मार्च में आशान्वित हैं, हम इस सुधार को 90 प्रतिशत अंक से ऊपर होने की उम्मीद में देखना जारी रखेंगे , हालांकि हम 100 तक नहीं पहुंच सकते हैं ।
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