सार
तहत राज्य के अलग-अलग जिलों की दो अलग-अलग चरणों में बांटकर समीक्षा का काम अंतिम चरण में है। पटना, और कोसी जैसे इलाकों में 19 जिलों की की समीक्षा पूरी हो चुकी है। आज भागलपुर और गया की भी समीक्षा हो जाने की उम्मीद है।
पटना। बिहार में नवंबर के अंत तक हर हाल में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Polls 2020) करा लेने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission Of India) पूरी तरह से सक्रिय है। चूंकि चुनाव कोरोना (Covid-19) महामारी के बीच हो रहे हैं, ऐसे में कोविड-19 की सभी गाइडलाइन को फुलफिल करने की ज़िम्मेदारी आयोग के निर्देशन में राज्य के प्रशासनिक अमले पर है। आयोग, चुनाव के लिए हर तरह की तैयारियों को समीक्षा के बाद अंतिम रूप देने में जुटा है। इसके तहत राज्य के अलग-अलग जिलों की दो अलग-अलग चरणों में बांटकर समीक्षा का काम अंतिम चरण में है। पटना, और कोसी जैसे इलाकों में 19 जिलों की की समीक्षा पूरी हो चुकी है। आज भागलपुर और गया की भी समीक्षा हो जाने की उम्मीद है।
सभी जिलों की समीक्षा के बाद राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग की टीम लौट जाएगी। संभावना है कि इस प्रक्रिया के बाद आयोग चीजों का मुआयना कर कुछ हिदायतों को जारी करेगा और चीजें सही होने ई स्थिति में राज्य में चुनाव शेड्यूल (2020 Election Schedule For Bihar) का ऐलान कर देगा। आयोग की सक्रियता के हिसाब से लग रहा है कि अगले हफ्ते ए अंत तक तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।
दो चरणों में किस तरह हो रही है समीक्षा
आयोग ने पहले चरण में जो समीक्षा (Electoral Commission Review For Bihar) की है उसके तहत चुनाव खर्च पर निगरानी और नियंत्रण के लिए आईटी डिपार्टमेंट, नारकोटिक्स, उत्पाद, सीआइएसएफ, एयरपोर्ट ऑथोरिटी, रेलवे और निर्वाचन व्यय के नोडल अफसरों से रिपोर्ट ले ली है। इसी तरह दूसरी समीक्षा में मंडल कमिश्नर, जिलाधिकारी और एसपी-एसएसपी, और बूथ, मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं के साथ सीनियर सीटीजन और पोस्टल बैलेट को लेकर समीक्षा हुई है। बताते चलें कि चुनाव में लगे कर्मचारियों का वोट ईवीएम के दौर में भी बैलेट पेपर से ही लिए जाते हैं।
कोरोना के मद्देनजर इस बार चुनाव आयोग की टीम हर बूथ पर खास सुविधाएं देने के लिए तैयार है। इसके तहत दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप और बुजुर्ग के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। ये व्यवस्था कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही होगी। चुनाव में लगे कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। शेड्यूल से पहले मतदाता सूची की जांच युद्धस्तर पर समीक्षा हो रही है।
पूरी तरह शराबबंदी
बिहार में पहले से ही शराबबंदी है। आयोग ने अफसरों से साफ कहा है कि हर हाल में दूसरे राज्यों से शराब की एंट्री को रोकना है। शराबबंदी के बावजूद राज्य में बड़े पैमाने पर इसकी सप्लाई को लेकर आयोग ने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। राज्य में चुनाव के दौरान धनबल, बाहुबल की रोकथाम, कानून व्यवस्था और संवेदनशील बूथ पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम को लेकर भी आयोग ने अफसरों को हिदायतें जारी कर दी हैं। आयोग ने जिलों में अफसरों को काम सौंप दिए हैं। प्रशासन ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कई चीजों को लेकर आयोग संतुष्ट नहीं है और उसे तत्काल सही करने का निर्देश दे दिया गया है।
(फाइल फोटो)