सार
पटना में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पीएफआई पर दिए गए बयान के दौरान आरएसएस की तुलना से बीजेपी ने नीतिश सरकार पर दबाव बनाते हुए अधिकारी से माफी मांगने की शर्त रखी है।
पटना। बिहार में एक सीनियर पुलिस अफसर के बयान से सियासी भूचाल आया है। पटना के एसएसपी ने पीएफआई के कथित आतंकी मॉड्यूल की तुलना आरएसएस से करके बवाल मचा दिया है। अधिकारी के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के साथ अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, राज्य में जदयू-बीजेपी सरकार की सहयोगी जीतनराम मांझी की पार्टी ने बचाव किया है।
क्या कहा था एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने?
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि 'जैसे आरएसएस में लाठियों के इस्तेमाल के लिए शाखाएं और प्रशिक्षण दिए जाते हैं, वैसे ही शारीरिक शिक्षा की आड़ में पीएफआई युवाओं को अपने केंद्र में बुला रहा था और उनकी विचारधारा को बढ़ावा देने और उनका ब्रेनवॉश करने का प्रयास कर रहा था।'
भाजपा नेता हुए अधिकारी पर हमलावर
कुछ ही देर बाद भाजपा नेताओं की ओर से इस बयान की निंदा करने वाली तीखी टिप्पणियां आई। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों से अगले 48 घंटों के भीतर श्री ढिल्लों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।
बिहार के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पटना के एसएसपी को इस तरह के बयान को तुरंत वापस लेना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि 'यह दिखाता है कि एसएसपी ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है ... आप आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठन की तुलना पीएफआई से कैसे कर सकते हैं?'
मांझी की पार्टी अधिकारी के बचाव में...
सूत्रों ने कहा कि जीतन राम मांझी का हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ने अधिकारी का बचाव किया है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, राज्य सरकार में भागीदार है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा था कि अधिकारी पर आरोप लगा सकते है। उन्होंने कहा, 'एसएसपी ने बस इतना कहा कि आरएसएस की शाखाएं हैं, ये लोग भी वैसा करते हैं। इसका मतलब यह नहीं था कि वह आरएसएस को आतंकवादी संगठन कह रहे थे।'
क्यों आया अधिकारी का यह विवादित बयान?
अधिकारी का यह बयान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई से जुड़े संभावित आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने के बारे में मीडिया से बातचीत के दौरान आया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने पटना से दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दौरे पर थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या समूह की गतिविधियों ने किसी भी तरह से प्रधान मंत्री की यात्रा को लक्षित किया, अधिकारी ने कहा कि इन गिरफ्तारियों और पीएम की यात्रा के बीच कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ इतना था कि यात्रा के दौरान बढ़ती सतर्कता के कारण, सोशल मीडिया की अधिक निगरानी सहित, हम पीएफआई की गतिविधियों के बारे में पता चला। हमने पाया कि वे ऐसी जानकारी फैला रहे थे जो भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ थी।
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