सार

बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष  तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। जिसमें राज्य के करीब 10 पार्टियों के नेता भी शामिल थे।

पटना. जातीय जनगणना (caste census ) को लेकर काफी दिनों से बिहार में चल रही खींचतान को लेकर आखिरकार नीतीश सरकार ने फैसला कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (chief minister nitish kumar) ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जातीय जनगणना कराएगी वह भी अपने ही खर्चे पर, क्योंकि इसकी तैयारियां भी हो चुकी हैं। जल्द ही इसकी शुरूआत हो जाएगी।

पारदर्शी तरीके से होगी जातीय जनगणना
सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना पारदर्शी तरीके होगी। इसमें कोई ना तो गलती हो होगी और ना ही कोई चीज मिस होगी। जल्द ही हम राज्य के सभी दलों को साथ बैठक कर इसे अंदित रुप दे दिया जाएगा। इसको लेकर करीब-करीब सभी पार्टियों ने अपनी सहमति जाहिर कर दी है। सर्वदलीय बैठक में इसकी तारीफ पर भी फैसला हो जाएगा।

कई दिन से बिहार में उठ रहा ये मुद्दा
दरअसल, बिहार में नेता प्रतिपक्ष  तेजस्वी यादव लगातार  जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने शीतकालीन सत्र में भी यह मुद्दा उठाया था। जिसको लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि था कि जल्द ही जातीय जनगणना को लेकर फैसला किया जाएगा। तभी से कायस लगने लगे थे कि सीएम के इस आश्वासन के बाद जातीय जनगणना का फैसला होगा।

इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी से मिल चुके हैं तेजस्वी
बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव  (Tejashwi Yadav)और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की थी। जिसमें राज्य के करीब 10 पार्टियों के नेता भी शामिल थे। सभी ने इसी साल 2021 में जातिगत गणना की मांग को लेकर बात की थी। हालांकि यह बात अलग है कि इससे पहले इसको लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार इंकार कर चुकी है।

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