सार
नए संशोधित विधेयक के अनुसार, बिहार में कोई भी बेनामी जमीन (Benami Land) हो या फिर जिस जमीन का फर्जी केवाला बनाया गया हो, वह सारी जमीन अब सरकार की संपत्ति होगी, इसके लिए लोगों को कोई भी छूट नहीं मिलेगी। मंत्री राय ने कहा कि सरकार सालों से पारिवारिक बंटवारे के लंबित भूमि दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए लगातार प्रचार-प्रसार करेगी।
पटना। बिहार में लगातार जमीन विवाद (Land Dispute) और फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं। यहां तक कि जमीन विवाद को लेकर आए-दिन खूनी संघर्ष भी हो जाता है। ऐसे में राज्य सरकार ने जमीन विवाद को कम करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को विधानसभा (Bihar Legislative Council) में बिहार भूमि दाखिल खारिज संशोधन विधेयक- 2021 (Bihar Land Filing Amendment Bill 2021) सर्वसम्मति से पारित हो गया। नीतीश सरकार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार (Ramsurat Rai) ने सदन में बताया कि इस कानून तहत राज्य में सभी बेनामी या फर्जी कब्जा वाला जमीन अब सरकार की संपत्ति हो जाएंगी।
नए संशोधित विधेयक के अनुसार, बिहार में कोई भी बेनामी जमीन (Benami Land) हो या फिर जिस जमीन का फर्जी केवाला बनाया गया हो, वह सारी जमीन अब सरकार की संपत्ति होगी, इसके लिए लोगों को कोई भी छूट नहीं मिलेगी। मंत्री राय ने कहा कि सरकार सालों से पारिवारिक बंटवारे के लंबित भूमि दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए लगातार प्रचार-प्रसार करेगी। सरकार प्रचार के जरिए लोगों को बताएगी कि भूमि का अपडेट डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना जरूरी है, ताकि भूमि विवादों को खत्म किया जा सके।
बीजेपी MLC ने ये सवाल उठाया
इधर, विधान परिषद में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने सवाल उठाया और मंत्री से पूछा कि ऐसी जमीन का क्या होगा, जो अपने दूसरे नामों से या फिर संक्षिप्त नामों से खरीदी गई हैं। दरसअल, बीजेपी और जदयू के नेता तेजस्वी यादव के तरुण नाम की चर्चा करते हुए कई बार सवाल खड़े कर चुके हैं। ऐसे में सदन में नवल किशोर ने इशारों में कहा कि दूसरे नाम से जमीन लिखाने वाले की जमीन का क्या होगा? इसके जवाब में मंत्री राय ने कहा कि ऐसी संपत्ति सरकार की होगी। उन्होंने विधेयक के प्रावधानों का उल्लेख किया और पैतृक संपत्तियों के पारिवारिक बंटवारे का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से भूमि संबंधी रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए पहल करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य में सर्वे का काम चल रहा है। अब डिजिटल मैप तैयार हो रहा है। अब जो खतियान बंटेंगे और उससे जमीन की बिक्री होगी तो उसके मैप का रजिस्ट्रेशन होते चला जाएगा।
राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही लागू होगा कानून
विधान परिषद में पास हुआ नया दाखिल खारिज संशोधन विधेयक 2021 को राज्यपाल के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही ये कानून पूरे बिहार में लागू हो जाएगा। सदन में इस विधेयक का विपक्ष के नेता रामचंद्र पूर्वे और कांग्रेस नेता समीर सिंह ने स्वागत किया और कहा कि वर्तमान में इस विधेयक की जरूरत है।
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