सार
बाप अपने बेटे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए क्या-क्या नहीं करता। लेकिन एक पिता ने तो बेटे को आईएएस अफसर बनाने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच डाली। बेटे ने भी ठान लिया था कि जब तक वो आईएएस नहीं बन जाता न तो अपने गांव जाएगा और ना ही अपने मां-बाप से कभी मिलेगा।
Fathers Day 2022: पिता अपने बेटे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए क्या-क्या नहीं करता। लेकिन एक पिता ने तो बेटे को आईएएस अफसर बनाने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन ही बेच दी। हालांकि, जब उसका बेटा यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सिलेक्ट हो गया तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ये कहानी है बिहार के नवादा जिले के रहने वाले होनहार स्टूडेंट आलोक रंजन की। आलोक ने यूपीएससी परीक्षा 2021 (UPSC Civil Service Result 2021) में 346वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ अपने पिता बल्कि पूरे बिहार का नाम रोशन किया।
तैयारी में बिक गई पिता की पुश्तैनी जमीन :
बिहार के नवादा जिले के रोह प्रखंड में स्थित गोरिहारी गांव के रहने वाले आलोक रंजन के पिता नरेश प्रसाद यादव किसान होने के साथ ही नेमदारगंज मिडिल स्कूल में टीचर हैं। आलोक के पिता ने बताया कि उनके बेटे की कामयाबी उसकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। उनके मुताबिक, टीचर होने के बाद भी बेटे की पढ़ाई के लिए पैसे की कमी पड़ गई थी। ऐसे में उन्होंने नवादा में मकान बनाने के लिए खरीदे गए प्लॉट के साथ ही गांव की पुश्तैनी जमीन को भी बेच दिया।
15 साल से गांव नहीं आया मेरा बेटा :
आलोक रंजन के पिता नरेश को पूरा भरोसा था कि वो एक दिन जरूर आईएएस बनेगा। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा 15 सालों से गांव नही आया था। वो कहता था कि जब तक आईएएस नहीं बन जाऊंगा, इस गांव में कदम नहीं रखूंगा। आज उसकी कामयाबी से न सिर्फ गोरिहारी गांव बल्कि पूरा बिहार बेहद खुश है।
6 बार मिली निराशा, सातवें कोशिश रंग लाई :
बता दें कि नरेश यादव पिछले कई सालें से बेटे आलोक को यूपीएससी की तैयारी करवा रहे थे। यहां तक कि आलोक रंजन को 6 बार निराशा मिली, लेकिन फिर भी उन्होंने और उनके पिता ने हिम्मत नहीं हारी। सातवीं कोशिश रंग लाई और आलोक को यूपीएससी 2021 में ऑल इंडिया 346वीं रैंक मिली।
गांव के सरकारी स्कूल में बेटे को पढ़ाया :
आलोक की शुरुआती पढ़ाई गोरिहारी गांव के सरकारी स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने राजस्थान से 12वीं पास की। बाद में दिल्ली से बीटेक की डिग्री ली। आलोक ने 2015 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। इस परीक्षा के लिए उनका विषय पॉलिटिकल साइंस रहा। आलोक रंजन के रिश्तेदारों के मुताबिक, बेटे की कामयाबी के पीछे उनके पिता का कड़ा संघर्ष रहा है।
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