सार

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को पहली बार किसी मुद्दे पर निर्णय लेने के लिये मतदान का सहारा लिया और लॉटरी पर कर को लेकर यह नौबत आयी

नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को पहली बार किसी मुद्दे पर निर्णय लेने के लिये मतदान का सहारा लिया और लॉटरी पर कर को लेकर यह नौबत आयी। इस मुद्दे पर राज्यों के बीच मतैक्य नहीं हो पा रहा था और बहुमत से लॉटरी पर 28 प्रतिशत की एक समान दर से जीएसटी लगाने का निर्णय हुआ।

इससे पहले परिषद की 37 बैठकों में एकमत से निर्णय लिये जाते रहे। सूत्रों ने बताया कि 38वीं बैठक में जब लॉटरी पर कर का मुद्दा रखा गया राज्यों में मतैक्य का अभाव रहा। इस कारण मामले में बहुमत से निर्णय लेने के लिये मतदान का सहारा लिया गया।

लॉटरी पर एक मार्च से 28 प्रतिशत की दर

सूत्रों ने कहा कि लॉटरी पर एक मार्च से 28 प्रतिशत की दर से एकसमान कर प्रभावी होगा। अभी लॉटरी पर कराधान में दो तरह की व्यवस्था है। इसके तहत राज्य की लाटरी की राज्य में बिक्री पर 12 प्रतिशत और राज्य के बाहर की बिक्री पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि 21 राज्यों ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया। लॉटरी उद्योग लंबे समय से 12 प्रतिशत की दर से एकसमान कर लगाने तथा पुरस्कार की राशि को करमुक्त करने की मांग कर रहा था। उसका कहना था कि दोहरे कर से लॉटरी उद्योग की वृद्धि पर असर पड़ रहा है।

जीएसटी परिषद ने लॉटरी पर कर को लेकर राज्यों में मतैक्य लाने के लिये महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतिवार की अध्यक्षता में मंत्रियों के आठ सदस्यीय समूह का गठन किया गया था। परिषद ने जुलाई की बैठक में इसे लेकर अटॉर्नी जनरल से भी न्यायिक राय लेने का निर्णय लिया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)