सार

मेट्रो सिटी या छोटे शहर किसी में भी प्रॉपर्टी में निवेश की सोच रहे हैं तो उससे पहले वहां की आवासीय और कमर्शियल प्रॉपर्टी डिमांड की एनालिसिस करें। आबादी, रोजगार के अवसर और किराये को देखते हुए फैसले ले सकते हैं।

बिजनेस डेस्क : आजकल प्रॉपर्टी का बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। जबरदस्त मांग के चलते रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है। इसकी वजह से निवेशकों की चांदी हो गई है। अगर आप भी प्रॉपर्टी में निवेश कर अच्छा खासा पैसा बनाना चाहते हैं तो इसके बारें में पूरी जानकारी रख लेना चाहिए। आइए जानते हैं रियल स्टेट यानी प्रॉपर्टी (Real Estate Investment) में पैसा लगाने के लिए मेट्रो सिटी या छोटे शहर क्या ज्यादा बेहतर हैं?

बड़े शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश करने के फायदे

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मेट्रो सिटी में बड़ी आबादी रहती है, इसलिए यहां प्रॉपर्टी में निवेश अच्छा और मुनाफे वाला माना जाता है। महानगरों यानी बड़े शहरों में रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग काफी ज्यादा होती है। इससे प्रॉपर्टी के दाम में बढ़ोतरी और रेंटल आय से अच्छी खासी इनकम होती है। इसलिए अगर रियल एस्टेट में निवेश कर बेहतरीन रिटर्न पाना चाहते हैं तो मेट्रो सिटी के प्रॉपर्टी में निवेश शानदार विकल्प होता है। मेट्री सिटी की प्रॉपर्टी में निवेश इसलिए भी अच्छा माना जाता है क्योंकि, यहां इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी काफी अच्छी होती है। यहां की लाइफस्टाइल काफी बेहतर होती है। इससे संपत्ति की कीमत काफी बढ़ती है। मेट्रो सिटी के पास बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री होने के चलते भी बाहर से लोग काम करने आते हैं और प्रॉपर्टी की मांग बढ़ जाती है।

छोट शहरों में रियल एस्टेट में निवेश कितना फायदेमंद

एक्सपर्ट्स के अनुसार, मेट्रो सिटी की तुलना में छोटे शहरों में रियल एस्टेट की लागत काफी कम होती है। इसकी वजह से इंवेस्टर्स के पास कम पैसे में अच्छी प्रॉपर्टी लेने के कई ऑप्शन होते हैं। इन जगहों पर अगर सही समय पर निवेश करते हैं तो कम समय में ही ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। फाइनेंशियल रिस्क भी छोटे शहरों में कम होता है। छोटे शहरों में डेवलपमेंट की काफी संभावना रहती है, इसलिए इसका लाभ निवेशकों को मिलने की उम्मीद रहती है। यहां विकास होने से प्रॉपर्टी के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं।

प्रॉपर्टी में निवेश से पहले इन बातं का ध्यान दें

  • किसी भी शहर में प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले वहां की आवासीय और कमर्शियल प्रॉपर्टी डिमांड की एनालिसिस करें। आबादी, रोजगार के अवसर और किराये को देखते हुए फैसले ले सकते हैं।
  • मेट्रो सिटी या छोटे शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश से पहले वहां की प्रॉपर्टी की कीमत, रेंटल इनकम और प्रॉपर्टी की कीमत में वृद्धि की तुलना करें। इससे सही फैसला लेने में मदद मिलेगी।
  • महानगरों और छोटे शहरों में प्रॉपर्टी से जुड़े रिस्क, वहां की आर्थिक स्थिति, बाजार की कंडीशन जैसे फैक्टर को ध्यान में रखकर निवेश करें।
  • जब भी किसी शहर में प्रॉपर्टी का निवेश करें तो मेट्रो या छोटे शहरों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे, ट्रांसपोटेशन और सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही पैसे लगाएं। क्योंकि ये फैक्टर प्रॉपर्टी के दाम में इजाफा या रेंटल इनकम पर काफी ज्यादा प्रभाव डालते हैं।

नोट- किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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