सार

आईटी कंपनी इंफोसिस को कथित जीएसटी चोरी के मामले में 32,403 करोड़ रुपए का नोटिस मिला है। कंपनी ने इसका खंडन किया है, लेकिन इसके शेयरों में गिरावट देखी गई है।

बिजनेस डेस्क : देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) को करीब 32,403 करोड़ रुपए की कथित जीएसटी चोरी के मामले में नोटिस मिला है। कंपनी ने इसका खंडन कर दिया है लेकिन इसका असर उसके शेयरों पर पड़ा है। आज, 1 अगस्त को शेयर में करीब 1 परसेंट की गिरावट आई है। आज शेयर 1,855.60 रुपए पर कारोबार कर रहा है। कंपनी ने BSE को दी सूचना में बताया कि कर्नाटक राज्य जीएसटी प्राधिकरण ने जीएसटी भुगतान को लेकर नोटिस मिला है। यह मामला जुलाई 2017 से लेकर मार्च 2022 तक का है। यह इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी ब्रांच ऑफिस के खर्चों से जुड़ा है।

इंफोसिस को क्यों मिला नोटिस

इंफोसिस की ओर से बताया गया कि कंपनी ने नोटिस का जवाब दे दिया है। कंपनी ने बताया कि नियमों के अनुसार ऐसे खर्चों पर GST लागू नहीं होता है। 'जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) के एक सर्कुलर में बताया गया कि विदेशी शाखाओं से भारतीय यूनिट्स दी जाने वाली सेवाएं जीएसटी के तहत नहीं आती हैं। कंपनी ने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है। इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य के नियमों का पालन सही तरह किया जा रहा है।'

इंफोसिस का एक साल तक मुनाफा

बता दें कि इंफोसिस को जितने जीएसटी का नोटिस मिला है, वह करीब इसका एक साल का मुनाफा है। एक तिमाही में कंपनी को करीब इतनी ही कमाई हुई है। जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 39,315 करोड़ था, जबकि मुनाफा करीब 6,368 करोड़ रुपए था।

GSTN पोर्टल मैनेज करती है इंफोसिस

इंफोसिस गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) पोर्टल को मैनेज करती है। जीएसटीएन ने जीएसटी के लिए इनडायरेक्ट टैक्सेशन प्लेटफॉर्म बनाया है। जिससे देश में टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने, भुगतान करने समेत सभी कामों में मदद मिल सके।

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