पत्नी के खाते में पैसा? टैक्स के नियम जान लो!
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अगर आप अपनी पत्नी के बैंक खाते में घर या निजी खर्चों के लिए हर महीने पैसे भेजते हैं, तो आपको इस बात से सावधान रहना चाहिए कि वह उस पैसे का इस्तेमाल कैसे करती है। कुछ तरीकों से इस पैसे का इस्तेमाल करने पर आपकी टैक्स देनदारी बढ़ सकती है। आइए देखें कैसे।
पैसा निवेश किया गया तो:
अगर आपकी पत्नी आपके द्वारा भेजे गए पैसे को SIP या म्यूचुअल फंड जैसी योजनाओं में निवेश करती है, तो इन निवेशों से होने वाली आय को आयकर अधिनियम के तहत कर योग्य माना जाएगा। इसका मतलब है कि इस आय पर लगने वाला कोई भी टैक्स आपको देना होगा, आपकी पत्नी को नहीं।
आपकी पत्नी पर टैक्स कब नहीं लगता:
अगर ऐसे निवेशों से होने वाली आय को दोबारा निवेश नहीं किया जाता है, तो आपकी पत्नी को इस आय के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की ज़रूरत नहीं है। यह आपकी आय के साथ ही जुड़ा रहेगा।
अब, देखते हैं कि अगर आपकी पत्नी को इनकम टैक्स देना पड़े तो क्या होगा।
अगर आय पुनर्निवेशित की जाती है:
अगर आपकी पत्नी शुरुआती निवेश (जैसे, लाभांश, ब्याज या पूंजीगत लाभ) से हुई आय को फिर से निवेश करती है, तो इस पुनर्निवेश से होने वाली आय को उसकी आय माना जाएगा। यह द्वितीयक आय उसकी कर योग्य आय मानी जाएगी। टैक्स स्लैब के आधार पर, उसे आयकर देना पड़ सकता है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
इस बात पर नज़र रखें कि आपकी पत्नी अपने खाते में ट्रांसफर किए गए पैसे का इस्तेमाल कैसे करती है। खासकर अगर वह इसे निवेश करती है।
अप्रत्याशित कर देनदारियों से बचने के लिए, किसी वित्तीय सलाहकार या कर सलाहकार से सलाह लेना बेहतर होगा।
भले ही आपकी पत्नी के लिए ITR दाखिल करना ज़रूरी न हो, लेकिन यह पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है। इससे टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित होता है और आपके वित्त का कुशल प्रबंधन करने में मदद मिलती है।