सार
85 साल के एक बुजुर्ग ने सालों पहले कुछ शेयर खरीदे और उन्हें भूल गए। दशकों बाद, जब बच्चों को इसका पता चला तो पिता रातोरात करोड़पति बन गए।जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
Share Market Investors Positive Stories: शेयर बाजार में निवेश कर वैसे तो कई लोग करोड़पति बने हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि कोई शख्स किसी कंपनी के शेयर खरीदकर भूल जाए। कई सालों बाद जब उसे अपना निवेश याद आए तो उन शेयरों की बदौलत वो रातोरात करोड़पति बन जाए। सोचने में भले ये बात अजीब लगे लेकिन ऐसा हुआ है 85 साल के एक बुजुर्ग के साथ। जानते हैं इस दिलचस्प किस्से के बारे में।
दोस्त के कहने पर खरीद लिए इस कंपनी के 100 शेयर
राजेश (बदला हुआ नाम) 1960 और 70 के दशक में खाड़ी देश में बतौर इंजीनियर काम करते थे। इसी दौरान उनके एक दोस्त ने मजाक-मजाक में उन्हें हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के कुछ शेयर खरीदने की सलाह दी। किस्मत से राजेश ने भी दोस्त की बात मान ली और 100 शेयर खरीद लिए।
कुछ साल में नौकरी छोड़ लौट आए भारत
कुछ सालों बाद राजेश खाड़ी देश से नौकरी छोड़कर भारत लौट आए और यहीं अपने परिवार के साथ रहने लगे। धीरे-धीरे राजेश के दिमाग से ये बात पूरी तरह निकल गई कि उन्होंने कभी हिंदुस्तान यूनीलिवर के 100 शेयर खरीदे थे। उनके बच्चे, जो अलग-अलग कॉर्पोरेट कंपनियों में ऊंचे पदों पर विदेशों में हैं, वो ही अब राजेश की देखभाल और पूरा खर्च उठाते हैं।
जब 100 लावारिस शेयर बढ़कर हो गए 7000
85 साल के राजेश भले ही उन शेयरों को खरीदकर भूल गए, लेकिन कंपनी द्वारा कई बार दिए गए बोनस की बदौलत उन शेयरों की संख्या बढ़कर अब 7000 रुपए हो चुकी है। यानी 50-60 साल पहले खरीदे गए स्टॉक अब बढ़कर 70 गुना हो चुके हैं।
2 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी थी शेयरों की कीमत
हिंदुस्तान यूनीलिवर के शेयरों की कीमत वर्तमान में 3000 रुपए से ज्यादा है। इस हिसाब से राजेश द्वारा खरीदे गए जो 100 शेयर अब बढ़कर 7000 हो चुके हैं, उनकी वैल्यू 2.10 करोड़ रुपए हो चुकी है। यानी लावारिस शेयरों ने राजेश को रातोरात करोड़पति बना दिया। राजेश अब इस पैसे का इस्तेमाल अपने लिए एक नया घर खरीदने और बच्चों पर निर्भर हुए बिना अपनी देखभाल में करना चाहते हैं।
कैसे और किसने की रकम भुनाने में मदद
वेल्थ रिकवरी फर्म जीएलसी ने राजेश को हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों को भुनाने में मदद की और लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। शुरुआत में तो कंपनी को लगा कि ये कोई धोखाधड़ी या फ्रॉड भी हो सकता है लेकिन बाद में जब गहराई से पड़ताल की गई तो सारा मामला सही निकला। 85 साल के राजेश ने सालों पहले हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में निवेश किया था।
फैमिली को भी नहीं हो रहा था यकीन
85 साल के राजेश की फैमिली वालों को भी यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने कभी ऐसा कोई निवेश किया होगा। क्योंकि बच्चों ने कभी नहीं देखा था कि उनके पिता शेयर मार्केट में एक्टिव हैं या फिर वो कभी उसकी चर्चा करते हैं। चूंकि राजेश, दुबई छोड़कर भारत लौट आए इसलिए कंपनी के रिकॉर्ड में उनका पता अब भी दुबई का ही था। इसके अलावा फैमिली वालों को बोनस और स्टॉक स्पिलिट या डिविडेंड के लिए नए शेयर सर्टिफिकेट या दूसरा कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला।
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