सार
Reliance Industries Share: ट्रंप के टैरिफ से रिलायंस के शेयर में भारी गिरावट आई है। कंपनी को पिछले 6 दिनों में ही 2.26 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। जानिए क्या है पूरी खबर!
Reliance Industries Stock Price: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ से ग्लोबल बाजार में उथल-पुथल मच गई है। इस दौरान, देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयर में दोपहर 2.30 बजे तक 3.50% की गिरावट है। इंट्रा-डे कारोबार के दौरान रिलायंस का शेयर एक समय 7.4% टूटकर अपने 52-वीक लो लेवल पर पहुंच गया था। शेयर ने सोमवार 7 अप्रैल को 1115.55 रुपए का एक साल का निचला स्तर छुआ। हालांकि, बाद में वहां से कुछ रिकवरी दिखी और फिलहाल स्टॉक 1161 रुपए के आसपास ट्रेड कर रहा है।
Reliance Industris को हुआ 2.26 लाख करोड़ का घाटा
पिछले छह कारोबारी सत्र के दौरान मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 12.7% की गिरावट आई है। इसके चलते कंपनी के मार्केट कैप को 2.26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। फिलहाल कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,573,544 करोड़ रुपए हो गया है, जो कभी 20 लाख करोड़ के पार चला गया था।
हफ्तेभर में 10% टूटा रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की बात करें तो इसने हाल के कुछ महीनों में व्यापक बेंचमार्क से कम प्रदर्शन किया है। इसके शेयर की कीमत साल-दर-साल 21.6% कम हुई है। पिछले छह महीनों में इसमें 17.4 प्रतिशत और एक हफ्ते में 10% तक की गिरावट आ चुकी है। तकनीकी रूप से, स्टॉक दबाव में दिख रहा है। शेयर 50 दिन, 150 दिन और 200 दिन के सिंपल मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है। 14 दिन का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 37.9 पर गिर गया है, जो ओवरसोल्ड जोन की ओर बढ़ने का संकेत देता है।
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट
सोमवार 7 अप्रैल को दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ट्रंप के टैरिफ की आंधी में सबकुछ उड़ गया। जापान का निक्केई 6.5 प्रतिशत गिरा, जबकि MSCI एशिया एक्स-जापान इंडेक्स 6.8 प्रतिशत टूटा। इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग में 10%, जापान के Nikkei में 6%, कोरिया के Kospi इंडेक्स में 4.50%, चीन के शंघाई इंडेक्स में 6.50% की गिरावट है।
फेड रिजर्व के चेयरमैन ने और बढ़ाई बेचैनी
इसी बीच, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीते शुक्रवार को दिए उस बयान ने ग्लोबल मार्केट में और बेचैनी बढ़ा दी, जिसमें उन्होंने कहा कि टैरिफ उम्मीद से ज्यादा लगाया गया है। इससे जहां महंगाई बढ़ने की आशंका है, वहीं विकास दर धीमी पड़ सकती है। उनके इस बयान से अनिश्चितता बढ़ गई है।