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आपसे भी ठग लिए गए पेट्रोल के पैसे? जानिए पेट्रोल पंप पर होने वाले सबसे बड़े फ्रॉड
Petrol Pump Fraud Hacks: जब भी आप पेट्रोल पम्प पर अपनी गाड़ी में फ्यूल डलवाने जाते हैं तो वहां कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचाता है। आइए उन्हीं गलतियों के बारे में जानते हैं।
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क्यों होती है पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी?
इसका सबसे बड़ा कारण है–"लोगों की लापरवाही और कर्मचारियों की चालाकी।" अब सोचिए, जब आप पेट्रोल भरवाने जाते हैं, तो कितनी बार आप मीटर चेक करते हैं? कितनी बार रसीद मांगते हैं? कितनी बार डेंसिटी और आज का रेट देखते हैं? पेट्रोल पंप कर्मचारी आपकी इन आदतों का फायदा उठाते हैं। वो जानते हैं कि अधिकतर लोग जल्दी में होते हैं, और कई लोग तो गाड़ी से उतरते भी नहीं। इसी का फायदा उठाकर वो मीटर को जीरो से स्टार्ट नहीं करते, पुराने रेट पर ईंधन भरते हैं, या कभी-कभी कम फ्यूल देकर पूरा पैसा ले लेते हैं।
पेट्रोल भरवाते समय मोबाइल में बिजी रहना है नुकसानदायक
अब हम सबका एक आम रवैया बन गया है–"मोबाइल देखते रहो, बाकी सब चलता रहेगा।" लेकिन ये आदत पेट्रोल पंप पर खतरनाक साबित हो सकती है। जब आप मोबाइल में बिज़ी रहते हैं, तो ध्यान नहीं रहता कि मीटर कहां से शुरू हुआ। कर्मचारी कितना फ्यूल भर रहा है। या कहीं बीच में पंप रोककर फिर से शुरू तो नहीं कर रहा। ये सब फ्रॉड के बड़े हथकंडे हैं। कुछ पंप तो ऐसे भी होते हैं जहां कर्मचारी आपकी नजरें चुराकर नोजल को दो बार चालू करते हैं लेकिन काउंटिंग में गड़बड़ी कर देते हैं। इसलिए मोबाइल को थोड़ी देर के लिए जेब में रखें और फ्यूलिंग पर पूरा फोकस करें।
जीरो से शुरू हुआ या नहीं, ये कैसे चेक करें?
जब भी फ्यूल भरवाएं, सबसे पहली चीज जो आपको देखनी चाहिए, वो है मीटर। यह देखना चाहिए कि मीटर जीरो से शुरू हो रहा है? कई बार कर्मचारी जल्दी में दिखाते हैं और मीटर को पहले से चालू कर देते हैं। इससे पहले वाले ग्राहक की गिनती जारी रहती है और आपको कम ईंधन मिलता है, जबकि आप पूरा पेमेंट करते हैं। आपको बस एक छोटी-सी बात का ध्यान रखना है – जैसे ही कर्मचारी नोजल उठाए, तुरंत कहें – "मीटर जीरो दिखाइए।" और खुद देखकर तसल्ली करें।
तेजी से चलता मीटर–फ्रॉड का अलार्म
कुछ पंपों पर देखा गया है कि मीटर बहुत तेजी से चलता है। यानी, जितनी जल्दी वो ₹100 या ₹500 तक पहुंचे, उससे ज्यादा तेजी से संख्या बढ़ती है। यह एक तकनीकी फ्रॉड होता है जिसमें डिजिटल मीटर में छेड़छाड़ की जाती है ताकि गिनती ज्यादा हो और फ्यूल कम निकले। अगर आपको लगे कि मीटर असामान्य रूप से तेज चल रहा है। तुरंत कर्मचारी को टोकें। मैनेजर से शिकायत करें और दूसरे ग्राहक को भी आगाह करें।
खाली टैंक में ज्यादा ईंधन भरवाने की गलती से बचें
अक्सर लोग मानते हैं कि टैंक पूरी तरह खाली होने पर फ्यूल भरवाना ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन सच्चाई इससे उलट है। जब टैंक बिल्कुल खाली हो जाता है, तो उसमें हवा और नमी जमा हो जाती है। ये दोनों चीजें इंजन को नुकसान पहुंचाती हैं। हवा इंजेक्टर सिस्टम में घुस जाती है। नमी से फ्यूल पंप खराब हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि हमेशा गाड़ी की टंकी में पेट्रोल रिजर्व लेवल तक पहुंचने से पहले ही भरवा लें।