सार
खर्च में कटौती करने के लिए यस बैंक ने 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कुछ और कर्मचारियों को भी हटाया जा सकता है।
नई दिल्ली। प्राइवेट बैंक यस बैंक (Yes Bank) ने अपने 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार अभी और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है। यह छंटनी थोक से लेकर ब्रांच बैंकिंग सेगमेंट तक कई क्षेत्रों में हुई है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यस बैंक पुनर्गठन की प्रक्रिया में है। इसी क्रम में कम से कम 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। आने वाले दिनों में और भी छंटनी हो सकती है। जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है उन्हें तीन महीने का वेतन दिया गया है। बैंक अपने खर्च में कटौती कर रहा है। छंटनी एक मल्टीनेशनल सलाहकार की सलाह पर की गई है।
वर्तमान में यस बैंक का मार्केट कैप 75,268 करोड़ रुपए है। इसका शेयर मंगलवार को बीएसई पर 23.95 रुपए के पिछले बंद भाव के मुकाबले 24.02 रुपए पर बंद हुआ। यस बैंक के प्रवक्ता ने कहा, "हम बैंक को चुस्त, भविष्य के लिए तैयार, कुशल, तेज और ग्राहक केंद्रित बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम समय-समय पर अपने संचालन के तरीके की समीक्षा करते हैं और इसके अनुसार वर्कफोर्स को अनुकूलित करते हैं।"
खर्च घटाना चाहता है यस बैंक
यस बैंक डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देकर मैन्युअल हस्तक्षेप में कटौती करने की दिशा में बढ़ रहा है। इसका मकसद लागत में कटौती करना है। वित्त वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 में यस बैंक का कर्मचारियों पर खर्च 12 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। 2022-2023 में यस बैंक का कर्मचारियों पर खर्च 3,363 करोड़ रुपए था। 2023-2024 में यह बढ़कर 3,774 करोड़ रुपए हो गया।
यस बैंक के वर्तमान प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार द्वारा कार्यभार संभालने के बाद 2020 में बैंक ने इसी तरह की कवायद की थी। भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से बैंक को डूबने से बचाया गया था।
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