सार
बजट 2023-24 (Rail Budget 2023) में रेलवे को करीब 2 लाख करोड़ रुपए अलॉट हो सकते हैं। 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की घोषणा हो सकती है। ऐसा होता है तो अगले 4-5 साल में रेलवे को वंदे भारत ट्रेन के कोच बनाने के लिए 70 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
नई दिल्ली। बजट 2023-24 में रेलवे को करीब 2 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। 2022-23 के बजट (Rail Budget) में रेलवे को 1,40,367.13 करोड़ रुपए अलॉट हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आधारभूत संरचनाओं को बेहतर करने पर फोकस कर रही है। इसके तहत रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े पैमाने पर सुधार किए जा रहे हैं। इसे देखते हुए रेलवे के बजट में 20-25 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है।
बजट में 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की घोषणा हो सकती है। बजट में नई वंदे भारत और हाइड्रोजन से चलने वाली यात्री ट्रेनों सहित नई ट्रेनों की घोषणा होने की संभावना है। सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के 400 से अधिक नए रेक और तीन दर्जन से अधिक हाइड्रोजन-संचालित यात्री ट्रेनों की घोषणा हो सकती है।
15 अगस्त 2023 को पीएम कर सकते हैं हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की घोषणा
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2023 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों की घोषणा कर सकते हैं। रेलवे को उम्मीद है कि 2030 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए वह सभी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण कर लेगी। इसके साथ ही स्टेशनों को भी आधुनिक बनाया जा रहा है। इसके लिए बजट में पर्याप्त फंड अलॉट करने की जरूरत है।
एलएचबी कोच से बदले जाएंगे सभी पारंपरिक कोच
भारतीय रेलवे का लक्ष्य सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के पारंपरिक कोचों को जर्मनी द्वारा विकसित और भारत में बनाए जा रहे एलएचबी कोचों से बदलने का है। अगले कुछ वर्षों में कम से कम 5,000 एलएचबी कोच और 60,000 से अधिक वैगनों का निर्माण किया जाना है। रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम 2023-24 के तहत ऑटोमोबाइल कैरियर्स के लिए लगभग 1000 विस्टा डोम कोच और अन्य विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैगनों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए बजट में फंड का इंतजाम किया जा सकता है।
होगी 65 हजार अत्याधुनिक सुविधाओं वाले कोचों की जरूरत
रेलवे की योजना वंदे भारत ट्रेनों के डिब्बों में लगे नए एयर प्यूरिफाइंग सिस्टम को सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाने की है। अगर बजट में 400 नए वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा होती है तो भारतीय रेलवे को वंदे भारत ट्रेनों के लिए कम से कम 65000 से 70000 अत्याधुनिक सुविधाओं वाले कोचों की जरूरत होगी।
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एक कोच बनाने में खर्च होते हैं 6.6 करोड़ रुपए
रेलवे के सूत्र के अनुसार रेलवे वंदे भारत ट्रेन के एक कोच के निर्माण पर करीब 6.6 करोड़ रुपए खर्च करती है। अगले 4-5 साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने के लिए 70,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी। मोदी सरकार चल रही बुलेट ट्रेन परियोजना के अलावा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के हिस्से के रूप में हाइपरलूप ट्रेन परियोजना की भी घोषणा कर सकती है।
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