सार

कोरोना वायरस के चलते एविएशन इंडस्ट्री की कमर टूट गई है. इसी क्रम में स्पाइसजेट अपने पायलटों को अप्रैल और मई महीने के दौरान वेतन नहीं देने का फैसला किया है। इस दौरान जिन पायलटों की कार्गो फ्लाइट को उड़ाने में ड्यूटी लगेगी, उन्हें ब्लॉक आवर फ्लॉन के हिसाब से पैसा मिलेगा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते एविएशन इंडस्ट्री की कमर टूट गई है. इसी क्रम में स्पाइसजेट अपने पायलटों को अप्रैल और मई महीने के दौरान वेतन नहीं देने का फैसला किया है। इस दौरान जिन पायलटों की कार्गो फ्लाइट को उड़ाने में ड्यूटी लगेगी, उन्हें ब्लॉक आवर फ्लॉन के हिसाब से पैसा मिलेगा। 

कंपनी के चीफ ऑफ फ्लाइट ऑपरेशन कैप्टन गुरचरण अरोड़ा ने सभी पायलटों को मेल भेजा है। कैप्टन अरोड़ा ने अपने मेल में लिखा है पायलटों को इस महीने और अगले महीने वेतन नहीं मिलेगा। इसके अलावा जो पायलट मालवाही उड़ान का संचालन करेंगे, उन्हें ब्लॉक आवर फ्लॉन के हिसाब से वेतन मिलेगा।

क्या है ब्लॉक आवर फ्लॉन

ब्लॉक आवर फ्लॉन का मतलब है कि पायलट ने जितने बजे से विमान का पहिया हिलाया और जितने बजे तक विमान का पहिया स्थिर हुआ, वह समय। मतलब कि विमान दिल्ली से कोलकाता जाने में यदि दो घंटे का समय लिया तो उसी समय का पैसा। उल्लेखनीय है कि पायलट विमान उड़ाने से घंटों पहले घर छोड़ देते हैं, उन्हें विमान में घुसने से पहले अल्कोहल टेस्टिंग भी कराना पड़ता है।

स्पाइजेट के एक पायलट का कहना है कि ब्लॉक फ्लॉन आवर की अवधि के लिए उन्हें कितना पैसा मिलेगा, यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है। इससे पहले मार्च में उन्हें 25 से 31 तारीख तक लीव विदाउट पे कर दिया गया था और वेतन भी काट कर मिला था।

पीएम मोदी  ने की थे सैलरी न काटने की अपील

मालूम हो कि प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी कंपनियों से अपील की थी कि कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को न तो नौकरी से निकालें और न ही वेतन काटें। लेकिन तब भी इस तरह का फैसला लिया गया है।

(फाइल फोटो)