सार

आंकड़ों के अनुसार पहले सरकार एलआईसी 7 फीसदी शेयरों को बेचकर 65 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रयास में थी। जिसे कम करते 5 फीसदी शेयर बेचकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का विचार किया जा रहा है।

बिजनेस डेस्क। एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के आईपीओ का साइज आधा हो सकता हैै। इसका कारण है यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से बढ़ती शेयर बाजार में अस्थिरता। जिसकी वजह निवेशकों का रुझान कम देखने को मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार पहले सरकार एलआईसी 7 फीसदी शेयरों को बेचकर 65 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रयास में थी। जिसे कम करते 5 फीसदी शेयर बेचकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का विचार किया जा रहा है। सरकार के धन उगाहने के लक्ष्य को आधा करने के बावजूद, यह अभी भी भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

क्यों घट सकता है आईपीओ का साइज
वास्तव में यूक्रेन रूस वॉर के कारण ग्लोबल इक्विटी मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जिसका असर भारतीय शेयर बाजार में साफतौर पर देखा जा रहा है। विदेशी निवेशकों ने अपना रुपया निकालना शुरू कर दिया हैै। इस भारी बिकवाली के कारण निवेशकों का रुख शेयर बाजार में थोड़ा कम देखने को मिल रहा है। इसी वजह से सरकार एलआईसी के आईपीओ के साइज को कम करने का प्लान बना रही है। जानकारों की मानें तो अब सरकार एलआईसी के आईपीओ से 30 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी जोकि पहले के मुकाबले आधे से भी कम है। उसके बाद भी यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

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तारीख पर इसी हफ्ते होगा फैसला
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार इस सप्ताह एलआईसी आईपीओ पर इसी हफ्ते फैसला ले सकती है। जानकारों की माने तो आईपीओ की तारीख पर फैसला इसी हफ्ते किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार यह तय करना कठिन होगा कि रिटेल और डॉमेस्टिक इंवेस्टर्स की मांग को आगे बढ़ाया जाए या जियो पॉलिटिकल टेंशन कम होने और एफआईआई के बाजार में लौटने का इंतजार करें। मौजूदा समय में इस टेंशन के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव लगातार देखने को मिल रहा है।

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वर्ना अक्टूबर तक टल सकता है आईपीओ
जानकारों की मानें तो सरकार को आईपीओ लांच 12 मई तक करना ही होगा। उसके बाद यह मामला अक्टूबर नवंबर तक टल सकता है। इसका कारण है सेबी के नियम। सरकार ने नियमों के अनुसार सेबी के पास एलआईसी के आईपीओ के डॉक्युमेंट्स भेजे हैं। इन डॉक्युमेंट्स के आधार सरकार एलआईसी का आईपीओ 12 मई तक लांच कर सकती है। अगर इस तारीख तक नहीं होता है तो सेबी के पास नए तिमाही नतीजों वैल्यूएशन के साथ भेजना होगा। जिससे मामला अगस्त या सितंबर तक टल जाएगा। आपको बता दें कि इस आईपीओ पहले मार्च में लांच करना था, लेकिन रूस यूक्रेन वॉर की वजह से आगे के लिए टाला गया था।