सार
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'DU के वाइस चांसलर योगेश त्यागी मेडिकल ग्राउंड पर उनकी अनुपस्थिति और उस दौरान जारी किए गए आदेशों को शून्य माना जाएगा।'
करियर डेस्क. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश त्यागी को कथित प्रशासनिक गड़बड़ी के मामले में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने निलंबित कर दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी को राष्ट्रपति के आदेश पर निलंबित किया गया। शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'DU के वाइस चांसलर योगेश त्यागी मेडिकल लीव पर हैं, उनकी अनुपस्थिति और उस दौरान जारी किए गए आदेशों को शून्य माना जाएगा।'
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा, त्यागी को यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों पर विवाद के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आदेशों पर निलंबित कर दिया गया है। दरअसल योगेश त्यागी पर पद के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं।
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President Ram Nath Kovind in his capacity as Visitor of the Delhi University (DU) places Vice-Chancellor Professor Yogesh Tyagi under suspension with immediate effect and orders enquiry into allegations of dereliction of duties against him. pic.twitter.com/Nj9GltxKc9
— ANI (@ANI) October 28, 2020
त्यागी पर मिसकंडक्ट के आरोप
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रपति से पिछले हफ्ते विश्वविद्यालय में नियुक्तियों पर विवाद के बाद कुलपति के खिलाफ जांच की अनुमति देने को कहा था। मंगलवार रात को राष्ट्रपति ने कुलपति के खिलाफ जांच की अनुमति दी, जिन पर मंत्रालय द्वारा "मिसकंडक्ट यानि गलत गतिविधियों में शामिल" होने का आरोप लगाया गया था।
ये है मामला
विवाद तब शुरू हुआ जब त्यागी ने पिछले हफ्ते जोशी को प्रो-वीसी के पद से हटाकर उनकी जगह विश्वविद्यालय के गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की निदेशक गीता भट्ट को नियुक्त किया था। इस कारण उनपर पद के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं।
प्रोफेसर पीसी जोशी संभालेंगे पदभार
विश्वविद्यालय के कुलसचिव को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि जांच पूरी होने तक कुलपति को निलंबित कर दिया गया क्योंकि वह कार्यालय में रहते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं। प्रोफेसर पीसी जोशी अब कुलपति का पदभार संभालेंगे।
छुट्टी पर होकर भी नियुक्ति कर बैठे चांसलर
पूर्व चांसलर त्यागी 2 जुलाई से छुट्टी पर हैं, जब उन्हें आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के साथ दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरकार ने 17 जुलाई को प्रोफेसर पीसी जोशी को प्रभारी बनाया था, जब तक कि श्री त्यागी ने पदभार नहीं लिया।
इस बीच, श्री जोशी ने एक नए रजिस्ट्रार, विकास गुप्ता की नियुक्ति को अधिसूचित किया जिसका साक्षात्कार पूरा हो गया था और बुधवार को कार्यकारी परिषद द्वारा नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी। उसी दिन त्यागी ने रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस के निदेशक के रूप में पीसी झा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी।
इसके बाद, शिक्षा मंत्रालय ने तब कुलपति और प्रो-वाइस चांसलर के बीच चल रहे घमासान को देखते हुए हस्तक्षेप किया और कहा कि छुट्टी पर होने के कारण त्यागी द्वारा की गई नियुक्तियां "वैध" नही्ं हैं।
फिर PC झा ने शिक्षा मंत्रालय को खुद को "रजिस्ट्रार" बताते हुए एक पत्र लिखा और कहा कि त्यागी द्वारा लिए गए सभी निर्णय विश्वविद्यालय के मानदंडों के अनुसार हैं। मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय को उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।