सार
पाई (π) को Mathematics की जान कहा जाता है। यह एक मैथेमैटिकल कॉन्स्टेंट है, जिसका मान 3.14159 होता है। यह सबसे महत्वपूर्ण गणितीय और भौतिक नियतांकों में से एक है। मैथ्य के प्रॉब्लम्स सॉल्व करने में कई जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है।
करियर डेस्क : आज दुनियाभर में पाई डे (International Pi Day 2023) मनाया जा रहा है। Maths के स्टूडेंट्स जियोमेट्री में इस शब्द और सिंबल को काफी अच्छी तरह जानते हैं। पाई (π) को Mathematics की जान कहा जाता है। यह एक मैथेमैटिकल कॉन्स्टेंट है, जिसका मान 3.14159 होता है। यह सबसे महत्वपूर्ण गणितीय और भौतिक नियतांकों में से एक है। मैथ्य के प्रॉब्लम्स सॉल्व करने में कई जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और उस महान गणितज्ञ को जिन्होंने पाई का सटीक-सटीक मान बताया था...
इंटरनेशनल मैथमैटिक्स डे का इतिहास
हर साल 14 मार्च को दुनियाभर में पाई डे मनाया जाता है। पाई का सिंबल π होता है। इसके अनुमानित मान 3.14 के आधार पर हर साल 14 मार्च को इस दिन को मनाया जाता है। जिसे माह और दिन 3/14 के तौर पर लिखा जाता है। पाई दिवस को सबसे पहले 1988 में भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ ने मान्यता दी थी। साल 2019 में UNESCO के 40वें आम सम्मेलन ने पाई दिवस को अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस (International Mathematics Day 2023) के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
क्या होता है पाई
गणित में किसी वृत्त की परिधि (circumference of circle) की लंबाई और उसके व्यास की लंबाई का अनुपात पाई कहलाता है। हर वृत्त में यह अनुपात 3.141 होता है। दशमलव के बाद की पूरी संख्या का अब तक आंकलन नहीं हो पाया है। इसी वजह से इसे अनंत माना जाता है। मैथमैटिक्स के स्टूडेंट्स को पता होता है कि अगर किसी वृत्त का व्यास (Diameter) 1 है तो उसकी परिधि पाई के बराबर होती है।
पाई से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स
- सबसे पहले गणितज्ञ विलिया जोन्स ने पाई का मान बताया था, वह साल 1706 का था।
- भारत के सबसे पहले गणितज्ञ आर्यभट्ट ने 5वीं सदी में ही पाई के मान का सटीक अनुमान लगा लिया था।
- आर्यभट्ट ने गणित के श्लोकों में पाई के अनुमान का जिक्र किया।
- आर्यभटीय, गणितपाद, श्लोक 10 में उन्होंने लिखा- चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाषष्टिस्तथा सहस्राणाम्। अयुतद्वयस्य विष्कम्भस्यासन्नो वृत्तपरिणाहः॥
- इस श्लोक का अर्थ है कि 100 में चार जोड़ें, 8 से गुणा करें और फिर 62,000 जोड़ें। ऐसा करने से 20,000 परिधि के एक वृत्त का व्यास पता लगाया जा सकता है।
- इस श्लोक के अनुसार, अगर मान निकाले तो (100 + 4) x 8 + 62000/ 20000 = 3.1416
- मतलब व्यास और परिधि का अनुपात 2πr/2r यानी 3.1416 है। यह पांच अहम आंकड़ों तक बिल्कुल सही है।
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