सार

एनटीए ने बुधवार को यूजीसी नेट एग्जाम को रद्द कर दिया है। अब नई परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

 

दिल्ली. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एनटीए ने बुधवार को यूजीसी नेट परीक्षा को कैंसिल कर दिया है। क्योंकि जांच में पता चला है कि परीक्षा में सत्यनिष्ठा के साथ समझौता किया गया है। ऐसे में परीक्षा को दोबारा कराई जाएगी। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी है।

18 जून को हुई थी परीक्षा

18 जून को हुई यूजीसी नेट एग्जाम को रद्द कर दिया गया है। दरअसल यूजीसी को गृह मंत्रालय से पेपर लीक होने का इनपुट मिला था। इसी कारण इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। संभावना है कि एनटीए जल्द ही नई परीक्षा का ऐलान करेगी।

 

 

क्या है यूजीसी नेट एग्जाम

दरअसल भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के पद​ के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए जो परीक्षा आयोजित की जाती है। उसे यूजीसी नेट एग्जाम कहा जाता है। इस एग्जाम को पास करने के बाद उक्त पात्रता मिलती है। ये एग्जाम साल में दो बार यानी एक बार जून और दूसरी बार दिसंबर में आयोजित होती है। ऐसे में जून में आयोजित होने वाली यूजीसी नेट एग्जाम को कैंसिल कर दिया गया है।

10 लाख लोगों ने दी थी परीक्षा

ये परीक्षा कुल 9 लाख 9508 स्टूडेंट्स ने दी थी। जिसका आयोजन देशभर के करीब 317 शहरों में किया गया था। ये परीक्षा 83 विषयों पर एक ही दिन में दो पारी में आयोजित की गई थी।

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अनियमितताओं की मांगी रिपोर्ट

इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि नीट यूजी परीक्षा से संबंधित मामले में ग्रेस माक्र्स संबंधित मुद्दों को पूरी तरह से सुलझा लिया है। पटना में आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। इस मामले में सरकार ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले संगठन या व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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