सार

ज्योतिष के अनुसार ग्रहण आइसलैंड में दोपहर 02:29 बजे से शुरू होगा। अरब सागर पर 6:32 बजे समाप्त होगा। भारत में सूर्य ग्रहण शाम करीब 4.22 से शुरू होगा और 6.25 पर समाप्त हो जाएगा। वहीं, 5.28 बजे ग्रहण का मध्य काल होगा।

करियर डेस्क : आज साल का आखिरी सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2022) पड़ रहा है। ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है। इसका असर पृथ्वी के हर प्राणी पर पड़ता है। धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं। आज होने वाला सूर्यग्रहण उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया के कुछ हिस्से, मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में देखने को मिलेगा। भारत की बात करें तो सूर्य ग्रहण लेह-लद्दाख, जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा। तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल और बिहार में कुछ वक्त के लिए यह दिखाई देगा। जबकि, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। आइए जानते हैं सूर्यग्रहण के दिलचस्प फैक्ट्स...

  • चंद्रमा का पृथ्वी और सूर्य के बीच में होना ही सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2022) के लिए काफी नहीं होता है। दोनों के बीच चंद्रमा का सीधी रेखा में होना आवश्यक होता है। चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के सीधी रेखा में होने पर ही यह खगोलीय घटना होती है।
  • सूर्य ग्रहण के वक्त चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी महत्वपूर्ण होती है। चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी ही पूर्ण सूर्यग्रहण, अर्ध सूर्यग्रहण या वलयाकार सूर्य ग्रहण का कारण होता है।
  • कई बार आपने अलग-अलग क्षेत्रों में दो अलग-अलग सूर्यग्रहण दिखने की खबर सुनी होगी। इसे संकर सूर्यग्रहण कहते हैं। जब कभी भी ऐसा होता है, उसी दौरान पृथ्वी के एक क्षेत्र में पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है और दूसरे क्षेत्र में वलयाकार सूर्य ग्रहण।
  • क्या आपने कभी देखा है कि सूर्य ग्रहण वाली रात चंद्रमा दिखाई नहीं देता, ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्यग्रहण वाले दिन अमावस्या की रात भी होती है। इसीलिए दिन में सूर्य को छिपाने के बाद रात में चंद्रमा खुद भी बाहर नहीं निकलता है।
  • चंद्रमा का आकार पृथ्वी से भी काफी छोटा है। जबकि सूर्य विशाल है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा कि चंद्रमा आकार में छोटा होने के बावजूद इतने बड़े सूर्य को ढक कैसे लेता है? दरअसल, यह संभव हो सकता है दूरी के आकार पर। सूर्य से काफी दूर होने की वह से ही चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है।
  • चंद्रमा के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वह पूरी पृथ्वी पर एक साथ सूर्यग्रहण लगा दे। यही कारण है कि जब भी सूर्य ग्रहण लगता है, पृथ्वी के कुछ क्षेत्र तक ही सिमटा रहता है।

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