सार
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) की ओर से चलाई जा रहीं करीब 5 योजनाओं का फायदा उठाकर ये छात्र विदेश पढ़ने जा रहे हैं।
करियर डेस्क. युवा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) वर्ग से हों या फिर अल्पसंख्यक (Minority) या घुमंतू जाति के, सरकार हर किसी को पढ़-लिखकर देश की तरक्की में योगदान देने का मौका दे रही है। यही वजह है कि हर साल सरकार की कोशिशों से चार हज़ार तक युवा छात्र पढ़ने के लिए विदेश (Abroad) भेजे जा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) की ओर से चलाई जा रहीं करीब 5 योजनाओं का फायदा उठाकर ये छात्र विदेश पढ़ने जा रहे हैं।
नियमों को पूरा करने के बाद इनकी पढ़ाई का खर्च केन्द्र सरकार उठा रही है। सबसे ज़्यादा छात्र अल्पसंख्यक मंत्रालय (Minority Ministry) की योजनाओं का लाभ उठाकर जा रहे हैं। बहुत ही आसान नियमों का फायदा उठाकर आप भी या आपके बेटे-बेटी विदेश पढ़ने का सपना ऐसे पूरा कर सकते हैं।
पढ़ने को विदेश जाने के लिए यह हैं वो 5 योजनाएं
5 ऐसी योजनाएं हैं जिनका फायदा केन्द्र सरकार युवाओं को विदेश जाकर पढ़ाई करने के लिए दे रही है।
ये योजनाएं हैं- राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, पढ़ो परदेस, यूजीसी की छात्रवृत्ति और सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम छात्रवृत्ति।
- राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति का लाभ एससी तथा घुमंतू जातियों से जुड़े छात्रों को दिया जाता है। इस छात्रवृत्ति का लाभ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।
- राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति का फायदा एसटी के मेधावी छात्रों को दिया जाता है। यह छात्रवृत्ति जनजातियों के मंत्रालय की ओर से जारी की जाती है।
- पढ़ो परदेस छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से दी जाती है। यह एक ऐसी योजना है जिसका फायदा हर साल सबसे ज़्यादा 3 से साढ़े तीन हज़ार अल्पसंख्यक युवा उठाते हैं।
- हंगरी सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे एक कार्यक्रम के तहत यूजीसी वहां पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति जारी करती है। हर साल 200 छात्र को इस योजना का लाभ देकर हंगरी में पढ़ाई करने का मौका दिया जाता है।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम के तहत छात्रों का चयन कर उन्हें चीन, इटली, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और यूके पढ़ाई के लिए भेजा जाता है।
ऐसे कर सकते हैं आवदेन
- वैध राष्ट्रीय पहचान पत्र या पासपोर्ट
- अभ्यर्थी की हाल की फोटो
- राष्ट्रीय परीक्षा के अंक (जिन अभ्यर्थियों के पास कोई अंतरराष्ट्रीय प्रमाणपत्र या शैक्षणिक योग्यता नहीं है)
शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- अंतरराष्ट्रीय परीक्षा के अंक (GRE, GMAT, DELF, YDS, YOS, आदि अगर आपके द्वारा चयनित विवि पाठ्यक्रम में अनिवार्य हो)
- भाषा परीक्षण के अंक (अगर चयनित विवि द्वारा मांगे गए हों)
- पीएचडी में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक शोध प्रस्ताव और लिखित कार्य का उदाहरण
- परिवार की सालाना इनकम 8 लाख से ज़्यादा न हो।
- पीजी कोर्स में पढ़ाई के लिए स्नातक में 60 फीसद और पीएचडी में पढ़ाई के लिए स्नातकोत्तर में 60 फीसद नंबर होने चाहिए।
- एक परिवार के ज़्यादा से ज़्यादा दो ही बच्चे योजनाओं का फायदा ले सकते हैं