सार
छत्तीसगढ़ के जशपुर में आकाशीय बिजली गिरने की खबर आई है। अचानक हुए वज्रपात में खेत में काम कर रहे युवक व उसके नाबालिग बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनो शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जशपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर से एक दर्दनाक खबर निकलकर आई है। जहां आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की जान चली गई हैं। दोनों ही आपस में पिता पुत्र है। दरअसल सन्ना तहसील क्षेत्र में पिता पुत्र खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक तेज बारिश होने लगी वो दोनों कहीं छुपने की जगह ढूढ़ रहे थे कि अचानक से बिजली गिरने की घटना हुई जिसमें दोनो घायल हो गए। सही समय पर मदद न मिलने के कारण दोनों की जान चली गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और दोनों के शवों को पोसमार्टम के लिए भेजा।
अचानक से हुआ वज्रपात
मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार शाम बागीचा इलाके के हर्रा दीपा गांव में हुई जब पीड़ित सीताराम (37) और उसका नाबालिग बेटा अजय (13) अपने खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक बारिश शुरू हो गई। दोनों बरसात से बचने के लिए कवर की तलाश शुरू कर दी, लेकिन अचानक बिजली की चपेट में आ गए। घटना के बाद पुलिस को हादसे जानकारी मिली, तो मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मृतको के शवों को पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी हॉस्पिटल पहुंचाया। इसके साथ ही दुर्घटना के कारण जान जाने के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पहले भी हो चुके है हादसे
इसके अलावा बगीचा क्षेत्र में ही 29 जून को बिजली गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 29 मई को भी आकाशीय बिजली गिरने की घटना से जिलें के बुर्जुडीह गांव में 3 लोगों की जान जाने के साथ 9 अन्य घायल हो गए थे। कुछ विशेषज्ञों का जशपुर और बगीचा क्षेत्र में वज्रपात होने का कारण खनिज के पहाड़ का मौजूद होना मानते है। उनके अनुसार इससे पॉजिटिव चार्ज बनता है और बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में किसी भी घर में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तड़ित चालक नहीं लगवाए है।
क्या होता है तड़ित चालक
तड़ित चालक (Lightening rod) एक धातु की छड़ होती है, जिसमें से लाइट पास हो सकती है। इसे ऊँचे भवनों की छत पर आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिये लगाया जाता है। तड़ित चालक का उपरी सिरा नुकीला होता है और इसे घरों की या बिल्डिगों के सबसे उपर वाली जगह पर लगाया जाता है, ताकि बिजली उसमें ही गिरे बाकी घर में नहीं। इस छड़ में एक ताँबे का तार जोड़कर, फिर उसको नीचे लाकर धरती में गाड़ दिया जाता है। इसके कारण बिजली रॉड में गिरकर सीधे नीचे जमीन में चली जाती है और घऱ और बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं होता है।