सार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। केजरीवाल ने मौजूदा 15 विधायकों का टिकट काट दिया है और दूसरे दलों से आए नेताओं पर मेहरबान नजर आए हैं। एक दिन पहले पार्टी ज्वाइन करने वाले नेताओं को भी केजरीवाल ने टिकट दे दिया है।
महाबल मिश्र के बेटे विनय कुमार मिश्र
बदरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम सिंह और पूर्व सांसद महाबल मिश्र के बेटे विनय कुमार मिश्र ने सोमवार आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। अरविंद केजरीवाल ने इन दोनों नेताओं को अपने विधायकों का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया है। AAP ने राम सिंह को बदरपुर सीट से टिकट दिया है जबकि विनय मिश्रा को द्वारका सीट से कैंडिडेट घोषित किया है।
कांग्रेस से आए नेताओं को बनाया प्रत्याशी
ऐसे ही चांदनी चौक सीट से कांग्रेस को तीन बार के विधायक रहे प्रह्लाद साहनी को प्रत्याशी बनाया है। मटिया महल सीट से शोएब इकबाल को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है। इन दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक थे, जिनके टिकट काटकर अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से आए नेताओं को प्रत्याशी बनाया है। राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से आए धनवती चंदेला को प्रत्याशी बनाया है।
बता दें कि शोएब इकबाल ने पिछले हफ्ते ही कांग्रेस पार्टी छोडकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। वो मटिया महल सीट से पांच बार के विधायक का चुने जा चुके हैं। पुरानी दिल्ली के इलाकों में शोएब इकबाल की अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है। वो 1993 से लगातार 2015 तक इस सीट से विधायक रहे हैं। 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के असीम अहमद खान के हाथों का हार का मुंह देखना पड़ा था। असीम खान AAP से जीतकर बागी रुख अख्तियार कर लिए थे। ऐसे में शोएब इकबाल पर दांव लगाकर केजरीवाल ने बड़ा दांव चला है।
प्रह्लाद साहनी को भी मिला टिकट
ऐसे ही चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के तीन बार के विधायक प्रह्लाद साहनी को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रह्लाद साहनी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। साहनी चांदनी चौक सीट से 1998 से 2015 तक विधायक रहे हैं। वह दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के करीबी माने जाते थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रह्लाद साहनी को AAP की अलका लांबा ने हराया था।
अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी से बगावत कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। ऐसे में तो प्रह्लाद साहनी ने कांग्रेस छोडकर आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।