सार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सबसे अधिक दागदार नेताओं को मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी ने 36 कैंडिडट तो बीजेपी ने 17 दागदार प्रत्याशियों को मौका दिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने 13 आपराधिक छवि वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। 

नई दिल्ली. चुनावों में अक्सर नेताओं के साफ छवि और ईमानदारी के चर्चे जोरों पर रहते हैं। ऐसे में नेताओं की साफ छवि और ईमानदारी की हकीकत कीतनी है। यह एडीआर द्वारा जारी किए आंकड़ों के हिसाब से लगाया जा सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सबसे अधिक दागदार नेताओं को मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी के 70 उम्मीदवारों में से 36 कैंडिडट पर आपराधिक केस दर्ज हैं। वहीं, बीजेपी में यह संख्या कम है। बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 67 उम्मीदवारों में से 17 दागदार प्रत्याशियों को मौका दिया है। 

कुल 133 कैंडिडेट के खिलाफ दर्ज है केस 
 
दिल्ली विधानसभा चुनाव में खड़े कुल 672 प्रत्याशियों में से 20 प्रतिशत यानी 133 के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं। हैरानी वाली बात यह है कि राजनीति सुधारने का दावा करनेवाली आम आदमी पार्टी के 51 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं।

असोसिएशन ऑफ डिमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 25 प्रतिशत प्रत्याशी और भाजपा के 20 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने चुनावी हलफनामों में यह घोषणा की है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर ने कहा कि कांग्रेस के भी 15 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। आठ फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार 672 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।


पार्टी    कुल उम्मीदवार        दागी उम्मीदवार
AAP             70                         36
BJP              67                         17
CONG.        66                          13
BSP             66                         10
NCP             05                         02