सार
शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा वक्त से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस इसका असर दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी देखने को मिला। सीएए के विरोध में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भी प्रदर्शन शुरू हो गया है।
नई दिल्ली. शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा वक्त से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस इसका असर दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी देखने को मिला। सीएए के विरोध में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भी प्रदर्शन शुरू हो गया है। वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ मौजपुर में सीएए के समर्थन में सड़क पर उतर आए हैं। खबर है कि मौजपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी हुई। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की कार्रवाई के बाद हालात काबू में कर लिए गए हैं। हालांकि सीएए के विरोध और समर्थन में नारेबाजी अभी भी जारी है।
ज्वाइंट कमिश्नर अलोक कुमार ने बताया कि पत्थरबाजों ने पुलिस के ऊपर भी पत्थर फेके हैं। हालांकि बाद में हालात काबू कर लिए गए। सभी जगहों पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं और फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन बंद
मौजपुर में हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। मौजपुर में तनाव बढ़ने और पथराव के बाद मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। जफराबाद और आस-पास के इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी समेत अन्य इलाकों के डीसीपी भी बुलाए गए हैं। इतना ही नहीं, अर्ध सैनिक बल की कुछ और कंपनियां बुलाई गई हैं।
(पत्थरबाजी में घायल युवक)
विरोध में उतरे कपिल मिश्रा
जाफराबाद में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जैसे ही शुरू हुआ, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ऐलान किया कि वह दिल्ली मं दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। वे भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, सीएए के समर्थन में मौजपुरा में प्रदर्शन। मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने। कद बढ़ा नहीं करते। एड़ियां उठाने से। सीएए वापस नहीं होगा। सड़कों पर बीबियां बिठाने से।' भाजपा समर्थकों के विरोध प्रदर्शन की वह से मौजपुर चौराहे पर ट्रैफिक दोनों तरफ से बंद हो गया है। समर्थन में लोग सड़कों पर बैठ गए हैं।
(मौजपुर में पुलिसबल तैनात)
15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम की बटन इतनी तेजी से दबाना की करंट शाहीन बाग में लगे।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।