सार

शालीमार बाग विधानसभा सीट (Shalimar Bagh assembly constituency) से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी जीत गई हैं। बंदना कुमारी ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को 3440 वोटों से शिकस्त दी।

नई दिल्ली। शालीमार बाग विधानसभा सीट (Shalimar Bagh assembly constituency) से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी जीत गई हैं। बंदना कुमारी ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को 3440 वोटों से शिकस्त दी। बंदना कुमारी को जहां 57707 वोट मिले, वहीं रेखा गुप्ता को 54267 वोट प्राप्त हुए। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस पार्टी के जेएस नायोल को महज 2491 वोट मिले। यह सीट कभी दिल्ली में बीजेपी का गढ़ हुआ करती थी। पिछले दो चुनाव से यहां आप का कब्जा है और इस बार भी आप ही जीती। 

शालीमार बागा सामान्य सीट है और 1993 से 2008 तक बीजेपी ने यहां से लगातार चुनाव जीता है। मगर कांग्रेस से कभी नहीं हारने वाली बीजेपी 2013 में आप के हाथों हार गई। शालीमार बाग चांदनी चौक लोकसभा का हिस्सा है। 2008 में परिसीमन से पहले ये आउटर दिल्ली का हिस्सा थी।

बीजेपी के पूर्व सीएम रह चुके हैं विधायक
शालीमार आग सीट से बीजेपी के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा विधायक रह चुके हैं। साहिब सिंह ने 1993 में यहां से चुनाव जीता था। साहिब सिंह के बाद 1998 में बीजेपी में रविंदर नाथ बंसल को उम्मीदवार बनाया। बंसल 1998 से 2008 तक चुनाव जीतते रहे। बीजेपी उम्मीदवारों के जीत का अंतर काफी ज्यादा रहता था। कांग्रेस अब तक यहां कभी चुनाव नहीं जीत पाई है।

आप की आंधी में ढह गया बीजेपी का किला
मगर 2013 में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के आ जाने के बाद शालीमार बाग का गणित बदल गया। बीजेपी-कांग्रेस का मुक़ाबला आप-बीजेपी में बादल गया। कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई। 2013 में आप उम्मीदवार बंदना कुमारी ने पहली बार बीजेपी से बड़े मतों के अंतर से ये सीट छीन ली। बीजेपी के दिग्गज बंसल चुनाव हार गए। 2015 के चुनाव में बीजेपी ने बंसल को हटाकर रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया। मगर इस बार भी करीब 11 हजार से ज्यादा मतों से बंदना कुमारी ने जीत हासिल की। कांग्रेस के उम्मीदवार सुलेख अग्रवाल जमानत तक गंवा बैठे थे।

शालीमार बाग दिल्ली का एक प्रमुख आवासीय क्षेत्र है। यह रिंग रोड चौराहे के पास स्थित है। यहां पास ही में अशोक विहार पुलिस स्टेशन है। यह एक आधुनिक कॉलोनी है, जहां सारी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां स्कूल, बाजार और अस्पताल भी हैं। यहां मध्यम वर्ग के लोगों के साथ ही समृद्ध लोग भी रहते हैं।