सार
त्रिलोकपुरी विधानसभा सीट (Trilokpuri assembly constituency) ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। ये अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन आप ने 2013 में कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा कर लिया है।
नई दिल्ली। त्रिलोकपुरी विधानसभा सीट (Trilokpuri assembly constituency) ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। ये अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन आप ने 2013 में कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा कर लिया है। इस बार आप के रोहित कुमार ने जीत दर्ज की। बीजेपी के किरण दूसरे नंबर पर रहे। आप ने इस बार अपने सीटिंग विधायक राजू ढिंगन की जगह रोहित कुमार को टिकट दिया था और वो पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे।
एक बार कांग्रेस को मिली है जीत
कांग्रेस के ब्रह्मपाल ने 1993 से 2003 तक लगातार तीन बार जीत हासिल की है। 2008 में बीजेपी के सुनील कुमार ने पहली बार यहां अंजना को कुछ सौ मतों से हराकर ये सीट कांग्रेस से छीन ली थी। हालांकि सुनील कुमार अपनी जीत को बरकरार नहीं रख पाए और 2013 में आप के राजू ढिंगन के हाथों बुरी तरह हार गए। कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर चला गया।
जब्त हो गई थी तीन बार विधायक रहे नेता की जमानत
2015 के चुनाव में भी आप ने राजू पर भरोसा जताया और उन्हें मैदान में उतारा। बीजेपी ने किरण वैद्य को टिकट दिया। हालांकि बीजेपी का वोट बढ़ा मगर, आप ने भी ज्यादा मत हासिल किए और अपनी सीट दोबारा जीतने में कामयाब रही। तीन बार विधायक रहे कांग्रेस के ब्रह्मपाल अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे।
त्रिलोकपुरी पूर्वी दिल्ली में स्थित है। यह एक रिसेटलमेंट कॉलोनी है, जहां उन लोगों को बसाया गया था, जिनकी झुग्गियों पर 1975-76 में इमरजेंसी के दौरान बुलडोजर चला दिए गए थे। 1984 के सिख दंगों के दौरान भी यहां बड़े पैमाने पर सिखों को निशाना बनाया गया था और उनका कत्लेआम हुआ था। यह पूरी तरह से विस्थापित लोगों की कॉलोनी है। अब इस क्षेत्र का विकास हो रहा है। यहां बाजार एवं अन्य सुविधाएं तो हैं, पर अभी भी यह इलाका अपेक्षाकृत पिछड़ा है।