सार
चुनाव आयोग ने सपा कार्यालय में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने शनिवार को समाजवादी पार्टी को नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।
लखनऊ। कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) के बीच हो रहे विधानसभा चुनाव (Election 2022) में चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने रैली पर रोक लगाया है। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को चुनाव आयोग के आदेश का खुलेआम उल्लंघन होता दिखा था। समाजवादी पार्टी ने लखनऊ कार्यालय में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं और कोरोना प्रोटोकॉल को ताक पर रख दिया गया था।
इस मामले में चुनाव आयोग ने सख्त रूख अपनाया है। आयोग ने शनिवार को समाजवादी पार्टी को नोटिस भेजा है और 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। इससे पहले शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के 2500 नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। आयोग ने गौतमपल्ली थाना के एसएचओ को लापरवाही बरतने के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सहायक पुलिस आयुक्त और अपर नगर मजिस्ट्रेट से जवाब मांगा गया था। चुनाव आयोग के आदेश पर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने एसएचओ गोतमपल्ली को सस्पेंड कर दिया था।
यह है मामला
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलश यादव (Akhilesh Yadav) ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में बीजेपी छोड़कर आए नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं का जनसैलाब पहुंच गया। लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सपा का कार्यक्रम बिना अनुमति के हो रहा था। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को भेजा गया, जिसके आधार पर जरूरी कार्रवाई की गई है। धारा 144 के उल्लंघन और महामारी एक्ट के अंतर्गत पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
समाजवादी पार्टी के 2.5 हजार कार्यकर्ताओं पर हुए केस पर बीजेपी छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज करना चाहिए। वह आज गोरखपुर में हजारों लोगों के साथ खिचड़ी खा रहे थे। वह आचार संहिता तोड़ रहे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?
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