सार

सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस ओ पॉजिटिव (O +) ब्लड ग्रुप वाले लोगों को प्रभावित नहीं करता है। फेसबुक पर सबसे ज्यादा लोग इसे शेयर कर रहे हैं। ओ ब्लड ग्रुप बहुत रेयर होता है। ऐसे में इसको लेकर कोरोना संक्रमित न होने का दावा लोगों को पैनिक करने वाला है।

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस ओ पॉजिटिव (O +) ब्लड ग्रुप वाले लोगों को प्रभावित नहीं करता है। फेसबुक पर सबसे ज्यादा लोग इसे शेयर कर रहे हैं। ओ ब्लड ग्रुप बहुत रेयर होता है। ऐसे में इसको लेकर कोरोना संक्रमित न होने का दावा लोगों को पैनिक करने वाला है। इसके लिए हमने फैक्ट चेकिंग करके सच का पता लगाया-

वायरल पोस्ट क्या है ?

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस ‘O +’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को प्रभावित नहीं करता है।  वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है। 

क्या दावा किया जा रहा है?

दावा किया जा रहा है कि इंसानों में ओ ब्लड वालों को कोरोना नहीं होगा। इससे पहले भी इस तरह के फर्जी दावे किए जा चुके हैं।

फैक्ट चेकिंग

जांच करने पर हमने पाया कि यह दावा अमेरिका की कंपनी 23andMe द्वारा कैलिफोर्निया में प्रकाशित एक शोध लेख के आधार पर किया जा रहा है। शोध लेख में उल्लेख किया गया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किसी व्यक्ति के ब्लड का प्रकार कोरोना वायरस के संक्रमण में अहम भूमिका निभा सकता है। 7, 50,000 से अधिक प्रतिभागियों के साथ किए गए शोध में कहा गया है, “प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि अन्य सभी प्रकार के ब्लड की तुलना में ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के लोग वायरस के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतीत होते हैं।

ओ ब्लड टाइप वाले व्यक्तियों में कोविड-19 के सकारात्मक लक्षण अन्य ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों की तुलना में 9-18 प्रतिशत कम है।” यहां तक कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जैसे लोग जो कोविड-19 रोगियों के संपर्क में ज़्यादा आते हैं, उनमें भी ओ ग्रुप ब्लड वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना 13 से 26 प्रतिशत कम है।

मार्च 2020 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में चीन के वुहान और शेन्ज़ेन के तीन अस्पतालों में 2,173 COVID-19 रोगियों में ए, बी, ओ ब्लड ग्रुपों की तुलना की गई है। अध्ययन में कहा गया है, “परिणामों से पता चला है कि ब्लड ग्रुप ए (A) वाले लोगों में अन्य ब्लड ग्रुप की तुलना में COVID-19 संक्रमण का ज़्यादा जोखिम है, जबकि ओ (O) ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दूसरे ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में संक्रमण का कम जोखिम है।”

शोध में यह नहीं बताया गया है कि ओ ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना वायरस नहीं होता है। सभी शोध के साथ यह डिस्क्लेमर लगा है कि परीक्षण अभी प्रारंभिक दौर में हैं।

इसके बाद हमने भारतीय चिकित्सा संघ (NAAM), चेन्नई शाखा के सचिव, डॉ.एस कृष्णन से बात की, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई विशिष्ट शोध नहीं है जो कहता है कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना वायरस प्रभावित नहीं करता। डॉ. कृष्णन ने कहा, “कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह के कोरोना वायरस से इम्यून नहीं है। एक हालिया शोध में कहा गया है कि A ब्लड ग्रुप वाले लोग O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में अपेक्षाकृत ज़्यादा संवेदनशील हो सकता है।”

उन्होंने आगे बताया, “अधिकांश शोध एक सीमित डेटाबेस के साथ किया जाता है। मौलिक रूप से जिस आधार पर अनुसंधान किया जा रहा है, वह एक छोटी आबादी पर है। हम यह नहीं कह सकते कि परिणाम बिल्कुल सही हैं।”

सच क्या है?

बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के डॉ रवि के, जो कर्नाटक के विक्टोरिया अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के लिए बनी कमेटी के कोर सदस्यों में से एक हैं, ने भी कहा है कि यह दावा सही नहीं है। नई दिल्ली में वैज्ञानिक, एफ, डिवीजन ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज (ईसीडी), इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की डॉ निवेदिता गुप्ता के मुताबिक आईसीएमआर ने इस पर कोई अध्ययन नहीं किया है।

ये निकला नतीजा

फैक चेकिंग में ये निष्कर्ष निकलता है कि कोरोना वायरस के O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को संक्रमित न करने वाला दावा भ्रामक है। कुछ शोधों में यह ज़रूर कहा गया है कि रक्त समूह ओ (O) वाले लोगों में दूसरे ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में संक्रमण का कम जोखिम है। मगर यह कहना गलत है कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होता है।