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उपवास के दौरान खाई जाने वाली चीजों में सेंधा नमक का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
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आयुर्वेद में माना है गुणकारी
धर्म ग्रंथों में सेंधा नमक को सात्विक बताया गया है। ऋषि वाग्भट्ट ने भी अपने ग्रंथों में कहा है कि व्रत या फलाहार में सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, आयुर्वेद में इसे बहुत ही गुणकारी माना गया है। रोजाना खाने में इसका इस्तेमाल किया जाए तो इससे वात, पित्त और कफ संबंधी दोषों से बचा जा सकता है। इस नमक के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है और कैंसर का खतरा भी कम होने लगता है।
ह्रद्य रोग में लाभदायक
धा नमक का स्वाद नमकीन तो होता है लेकिन खाने के बाद ये शरीर में मधुर रस में बदल जाता है। अपने इसी गुण की वजह से ये दूसरे नमक से अच्छा माना जाता है। इसमें तीखापन दूसरे नमक से कम होता है। जिससे भूख बढ़ती है और खाना भी आसानी से पच जाता है। इस नमक के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर और पेट संबंधी परेशानी नहीं होती है। ये नमक हृदय रोग में राहत देने वाला माना गया है।
डाइजेशन में सुधार
इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म का लेवल सही बना रहता है। ये शरीर में पानी की उचित मात्रा को भी बनाए रखता है। इससे बॉडी हाइड्रेट रहती है, साथ ही डाइजेशन भी सही रहता है। खाने में इसे शामिल करके ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखा जा सकता है।
पोषक तत्वों से भरपूर
इस नमक में करीब 84 पोषक तत्व होते हैं। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। ये आपकी हड्डियों के साथ-साथ शरीर के कई अंगों के लि ए भी लाभदायक होते हैं। शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता है तो इसका सेवन करना चाहिए।
तनाव दूर करने में मददगार
ये बॉडी और दिमाग को रिलैक्स करता है। इससे तनाव, चिंता जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। इसकी चुटकी भर मात्रा खाने से डाइजेशन सही रहता है। रक्त विकार आदि के रोग जिसमें नमक खाने को मना हो उसमें भी सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है।