अगस्त के आखरी 16 दिनों में आएंगे कई मुख्य व्रत-त्योहार, 8 दिन बनेंगे शुभ योग
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सोमवार, 17 अगस्त को सिंह संक्रांति है। इस दिन सूर्य पूजा करने की परंपरा है। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
मंगलवार, 18 अगस्त और बुधवार, 19 अगस्त को अमावस्या तिथि रहेगी। अपने क्षेत्र के पंचांग के हिसाब से अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करें।
शुक्रवार, 21 अगस्त को हरितालिका तीज है। ये पर्व महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन देवी पार्वती के लिए व्रत किया जाता है, देवी की पूजा की जाती है।
शनिवार, 22 अगस्त से गणेश उत्सव शुरू हो जाएगा और 1 सितंबर तक चलेगा। इन दिनों में गणेशजी के सामने धूप-दीप जलाएं और ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें।
रविवार, 23 अगस्त को ऋषि पंचमी है। इस दिन सप्तऋषियों की पूजा करने की परंपरा है। इस व्रत से जाने-अनजाने में किए गए पापों का प्रभाव खत्म होता है।
शुक्रवार, 28 अगस्त को तेजा दशमी है। इस दिन तेजाजी महाराज की पूजा की जाती है। तेजाजी को छतरियां चढ़ाने की परंपरा है।
शनिवार, 29 अगस्त को डोल ग्यारस यानी जलझूलनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। व्रत के साथ ही जरूरतमंद लोगों को दान भी जरूर करना चाहिए।
खरीदी और पूजा-पाठ के लिए शुभ योग
सर्वार्थसिद्धि योग- 17 अगस्त की सुबह 5.20 बजे से रात अंत तक। 18 अगस्त को सूर्योदय से रात अंत तक। 26 अगस्त को दोपहर 2 बजे से शाम 5.20 तक। 30 अगस्त को सूर्योदय से दोपहर 3 बजे तक। 31 अगस्त को सूर्योदय से दोपहर 3.40 तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।
अमृतसिद्धि योग- 26 अगस्त को दोपहर 2.05 बजे से शाम 5.20 बजे तक रहेगा।
त्रिपुष्कर योग- 16 अगस्त को सूर्योदय से सुबह 10.50 बजे तक। 25 अगस्त को सूर्योदय से शाम 4.20 बजे तक। 29 अगस्त की दोपहर 3 बजे से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त की सुबह 8.40 बजे तक त्रिपुष्कर योग रहेगा।