आखिर कितनी होती है 1 ट्रेन की कीमत? इंजन-बोगी मिलाकर लग जाते हैं इतने पैसे
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जनसंख्या के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। साथ ही भारत काफी बड़ा देश है। ऐसे में लोगों को एक-दूसरे से मिलने जाने के लिए किसी ऐसे साधन की जरुरत पड़ती है जो सुविधाजनक और किफायती भी हो।
लोगों की इस जरुरत को पूरा करती है भारतीय रेल। भारत में सफर करने के लिए ट्रेन का काफी महत्वपूर्ण रोल है। कर दिन कई लोग ट्रेनों से सफर करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचते हैं।
ट्रेन में कई तरह की श्रेणी होती है। आम लोग जहां जनरल टिकट लेकर सफर करते हैं वहीं इसमें स्लीपर और एसी की भी सुविधा है। एसी में भी आपको तीन क्लास मिल जाएंगे, जो फर्स्ट, सेकंड और थर्ड एसी के नाम से अवेलेबल हैं।
रेलवे में फिलहाल लगभग 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में भारतीय रेल रोजगार देने का भी बेहतरीन तरीका है। सस्ती टिकट्स और आराम से गंतव्य तक पहुंचाने की वजह से लोगों की पसंद भारतीय रेल ही होती है।
आइये अब बात करते हैं ट्रेन के हिस्सों की। पूरी ट्रेन को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला होता है इंजन। इंजन ही पूरी ट्रेन को खींचता है। इसके बाद का हिस्सा होता है कोच या बोगी, जिसमें यात्री बैठते हैं।
ट्रेन की कीमत की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेल के इंजन को बनाने में 20 करोड़ का खर्च आता है। चूंकि, भारतीय रेल के इंजन देश में ही बनाए जाते हैं, इस कारण इनकी कीमत इतनी कम है।
बात अगर कोच की करें, तो ट्रेन की एक बोगी को बनाने में लगभग 2 करोड़ का खर्च आता है। ये कीमत हर क्लास के हिसाब से बदलती है। स्लीपर और एसी कोच के डिब्बों की कीमत में अंतर रहता है।
अगर एक्सप्रेस ट्रेन की कीमत की बात करें, तो इसमें कुल 24 डिब्बे होते हैं। यानी हर डिब्बे के 2 करोड़ के हिसाब से इसकी बोगियों की कीमत हुई 48 करोड़ रुपए। अब इसमें 20 करोड़ के इंजन को जोड़ दिया जाए तो एक एक्सप्रेस ट्रेन की कीमत हो जाती है 68 करोड़।
वहीं एक सामान्य ट्रेन की बात करें तो इसे बनाने में कुल 50 से 100 करोड़ का खर्च आता है। तो लीजिये अब आप जान गए होंगे कि जिस ट्रेन में आप सफर करते हैं उसकी कुल कीमत कितनी होती है।