नमो से कितना अलग है JDU का यह ऐप, 7 सितंबर से यहीं पर नीतीश कुमार शुरू करेंगे रैली
- FB
- TW
- Linkdin
नमो ऐप में टू वे कम्यूनिकेशन नहीं है, जबकि जदयू के इस ऐप के जरिये वन-वे और टू-वे दोनों तरह से संवाद कर सकते हैं। यूं कहें कि नमो ऐप पर लोग भाषण तो सुन सकते हैं लेकिन अपनी बात नहीं कह सकते। वहीं, जदयू के इस ऐप पर टू-वे कम्यूनिकेशन भी हो सकता है और लोग अपनी बात नेताओं को कह सकते हैं।
जदयू के ऐप में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (वीडियो लाइव करने के लिए सर्वर) के लिए वाउजर का इस्तेमाल होता है, जो फेसबुक और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियां इस्तेमाल करती हैं। नमो ऐप पर होने वाले लाइव स्ट्रीमिंग से ज्यादा अच्छी क्वालिटी जदयू के ऐप पर दिखेगी।
नमो ऐप में मैसेंजर मॉड्यूल नहीं है जबकि जदयू के ऐप में यह सुविधा है। मैसेंजर मॉड्यूल मतलब ऐप के जरिये लोगों तक मैसेज भेजने की सुविधा। जदयू के ऐप से लोगों को लाइव स्ट्रीमिंग का सीधा मैसेज भेजा जा सकता है जो नमो ऐप में नहीं है।
जदयू की ऐप टीम को लीड कर रहे भव प्रियरंजन ने बताया कि इसे और विस्तार करने की योजना है। भविष्य में इस ऐप पर 10 लाख से ज्यादा लोगों को जोड़ने की तैयारी चल रही है।
जियो के छोटे स्मार्टफोन पर भी यह ऐप खुल जाएगा और एक क्लिक करते ही 30 सेकेंड के अंदर जदयू के लाइव कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं।
जूम कॉल, गूगल मीट की तरह इस प्लेटफॉर्म के जरिए भी टू वे वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा सकेगा। अभी एकसाथ 500 लोग दोतरफा वीडियो संवाद कर सकते हैं। यह संख्या बढ़ सकती है।
जदयू की ऐप टीम को लीड कर रहे भव प्रियरंजन ने बताया कि इसे और विस्तार करने की योजना है। भविष्य में इस ऐप पर 10 लाख से ज्यादा लोगों को जोड़ने की तैयारी चल रही है।
फेसबुक और नेटफ्लिक्स लाइव के लिए जिस कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क का इस्तेमाल करती है, इस ऐप में उसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, ताकि लाइव स्ट्रीमिंग में दिक्कत न आए।
बताते चले कि जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा तथा भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने इसे लांच किया।