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Bihar Panchayat Election: सीतामढ़ी में Rtd. IAS अरुण कुमार रिकॉर्ड वोटों से जीते, जानें इनके बारे में
सीतामढ़ी। बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के 10वें चरण का रिजल्ट आने लगा है। सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिले की सबसे हॉट सीट सिंहवाहिनी (Singhvahini Village) ग्राम पंचायत का परिणाम आ गया है। यहां से निर्वतमान मुखिया रितु जायसवाल ( Ritu Jaiswal) के पति रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार (Rtd. IAS Arun Kumar) चुनाव जीत गए हैं। अरुण कुमार को 2400 से भी ज्यादा वोटों से जीते हैं। बीते दिनों सोनबरसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी को छुट्टी पर भी इनकी शिकायत पर ही भेजा गया था। अरुण कुमार की पत्नी रितु आरजेडी की प्रदेश प्रवक्ता हैं और 5 साल पहले इसी गांव की मुखिया बनी थी। इस बार उनके पति अरुण चुनाव मैदान में उतरे। अरुण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। अरुण कुमार ने अपनी जीत पर कहा कि यह जीत उनके पंचायत की जनता को समर्पित है। उनकी पत्नी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को वह आगे लेकर जाएंगे। आईए जानते हैं इनके बारे में....
| Published : Dec 10 2021, 04:49 PM IST
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रितु आरजेडी की प्रदेश प्रवक्ता, 5 साल पहले मुखिया बनी थीं
रितु जायसवाल 5 साल पहले अपनी ससुराल सिंहवाहिनी पंचायत से मुखिया बनी थीं। इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था। उनकी जगह एलाइड सर्विस में रह चुके उनके पति अरुण कुमार मैदान में उतरे। रितु का कहना था कि अब उनका कार्यक्षेत्र पूरा परिहार और पूरा बिहार है, इसलिए जिम्मेदारी बढ़ गई है। सिंहवाहिनी के लोग चाहते हैं कि मैंने जो काम किया है वह आगे बढ़े, इसलिए मेरे पति मुखिया का चुनाव लड़े। रितु ने राजद के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। उन्हें 71,851 वोट मिले थे, लेकिन 1569 वोट से चुनाव हार गईं।
शादी के 17 साल बाद ससुराल आई थीं रितु
बता दें कि रितु 5 साल पहले ही सिंहवाहिनी आई थीं। ये उनका शादी के 17 साल बाद ससुराल आना हुआ था। वे गांव की हालत देख इतनी व्यथित हो गई थीं कि उन्होंने गांव की हालत बदलने के लिए सुख-सुविधाएं से भरा जीवन और दिल्ली जैसा शहर छोड़ने का फैसला कर लिया था। कोशिश शुरू की तो गांव में आजादी के बाद पहली बार बिजली आई। बच्चों को ट्यूशन क्लास शुरू करवाई। असर यह हुआ कि इस बेहद पिछड़े गांव की लड़कियां शिक्षा क्षेत्र में खूब आगे बढ़ीं। सिंघवाहिनी पंचायत में नरकटिया को मिलाकर 6 गांव हैं।
गरीबों की सेवा करना चाहते हैं
रितू के पति अरुण सेंट्रल इंफॉर्मेंशन कमीशन के डायरेक्टर रहे हैं और 1995 बैच के आईएएस अफसर हैं। अरुण कुमार कहते हैं कि 9 बजे से 5 बजे की नौकरी से मन ऊब गया था। रिटायरमेंट के बाद से वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं को ऑनलाइन गाइडेंस देते हैं।
ऑनलाइन मेंटरशिप का कोर्स कराते हैं। खुद जूलॉजी से Msc हैं, लेकिन साइकोलॉजी से UPSC किया था।अरुण UPSC स्टूडेंट्स को साइकोलॉजी भी पढ़ाते हैं। वर्तमान में वह 260 अभ्यर्थियों को ऑनलाइन गाइडेंस दे रहे हैं।
समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं: अरुण कुमार
अरुण का कहना है कि वह गरीबों की सेवा करना चाहते हैं, इसीलिए मुखिया का चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वे कहते हैं कि अभी भी समाज के लिए कुछ करने के लिए गांव ही सबसे अच्छी जगह है। गांधी विदेश से आए तो उन्होंने आंदोलन के लिए चनपटिया जैसी छोटी जगह को ही चुना था।
अरुण को पहली जॉइनिंग नागपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में मिली। कारगिल युद्ध के समय बोफोर्स एम्यूनिशन में भी उन्होंने काफी योगदान दिया।
कुछ साल पहले ही उन्होंने नौकरी से VRS लिया। तब वो दिल्ली में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के डायरेक्टर के पद पर थे। वहीं, कमिश्नर डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी भी थे।