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बिहार के इस शख्स ने 30 साल में अकेले खोदी 5 किमी नहर, इसी साल पूरा हुआ काम, दुनिया कर रही सलाम
गया (Bihar) । बिहार के लिए साल 2020 कई मायने में अलग रहा। यहां गया की धरती से बिहार को नए 'माउंटेन मैन' (mountains) जो मिला। जिनका नाम लौंगी भुइया ( Longi Bhuiya) है, जो पहाड़ चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी ( Dashrath Manjhi) के नक्शे कदम पर ही चलकर 30 साल में अकेले 5 किमी जमीन खोदकर नहर बना दिए। जिनकी इस समय हर जगह चर्चा है। अब तो उनके फैन पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jeetan Ram Manjhi) के बाद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा Anand Mahindra) भी हैं। बता दें कि अपने बेटों के परदेश जाते देख दुःखी हुआ ये शख्स इस साल अपने मिशन में कामयाब हो गया, जिसके बेटे भी घर वापसी की बात अब कह रहे हैं। आइये जानते हैं, बिहार के इस लाल की पूरी कहानी।
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कोठिलवा गांव के रहने वाले लौंगी भुइंया के चार बेटे हैं, काम-धंधे की तलाश में घर छोड़कर चले गए। इसके चलते उनका मन नहीं लगता था और वह सटे बंगेठा पहाड़ पर बकरी चराते। एक दिन में मन में ख्याल आया कि अगर गांव में पानी आ जाए तो पलायन रुक सकता है। फसल उगाई जा सकती है। (फाइल फोटो)
लौंगी ने देखा कि बरसात के दिनों में वर्षा तो होती है, मगर सारा पानी बंगेठा पहाड़ के बीच में ठहर जाता है, उन्हें इससे उम्मीद की रोशनी दिखी। फिर पूरे इलाके में घूमकर पहाड़ पर ठहरे पानी को खेत तक ले जाने का नक्शा तैयार किए और पहाड़ को काटकर नहर बनाने के काम में जुट गए। (फाइल फोटो)
सालों परिश्रम के बाद उन्होंने पहाड़ के पानी को गांव के तालाब तक पहुंचा दिया। अकेले फावड़ा चलाकर तीन किलोमीटर लंबी, पांच फीट चौड़ी और तीन फीट गहरी नहर बना दी। इसी साल अगस्त में लौंगी भुइंया का यह काम पूरा हुआ है और बरसात में उनकी मेहनत का असर दिख रहा है। (फाइल फोटो)
आसपास के तीन गांव के किसानों को इसका फायदा मिल रहा है, लोगों ने इस बार धान की फसल भी उगाई है। अब लोग लौंगी भुइंया को नया माउंटेन मैन कहने लगे हैं। लौंगी भुइंया को उम्मीद है कि बाकी बेटे भी वापस घर आएंगे। बेटों ने ऐसा करने का वादा भी किया है।
इसकी जानकारी होने पर आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए लौंगी मांझी की सराहना की थी। साथ ही उनके द्वारा खोदे गए कैनाल की तुलना ताज से की थी। आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए हाथ से ही नहर खोद डालने वाले लौंगी भुईयां को ट्रैक्टर देने का ऐलान करते हुए लिखा था कि उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा, उनके द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए गया में अपनी कंपनी के डीलर को निर्देशित किया गया, जिसके बाद डीलर द्वारा लौंगी भुईयां से संपर्क स्थापित कर गया बुलाया गया और ट्रैक्टर हैंडओवर किया गया था।
लौंगी ने कहते हैं कि पहले मुझे गांव वाले भला बुरा कहते थे, पागल समझते थे घर वाले भी खाना नहीं देते थे। लेकिन, आज मीडिया के कारण हमें इतना सम्मान मिला, अब घरवाले सहित गांव के लोग भी काफी खुश हैं।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने लौंगी भुईयां को को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग पीएम और राष्ट्रपति से की है। जीतन राम मांझी ने कैनाल मैन को जल पुरुष का नाम दिया है साथ ही उन्होंने कहा कि लुटुआ से उनके गांव तक कच्ची सड़क को पक्का बनाया जाएगा, जिसे लौंगी भुइयां के नाम से जाना जाएगा। मांझी ने लुटुआ में सरकारी स्कूल का नाम भी लूंगी भैया के नाम से रखे जाने की मांग सरकार से की थी।