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काबुल में शूट हुई थी अमिताभ की ये फिल्म, इस एक्ट्रेस का नाम सुन गोलीबारी बंद कर देते थे आतंकी
मुंबई। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने बलपूर्वक कब्जा कर लिया है, जिससे वहां अफरा-तफरी मची हुई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग चुके हैं। हालांकि, अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात हमेशा ऐसे नहीं थे। बॉलीवुड की मशहूर फिल्म 'खुदा गवाह' (Khuda Gawah) की शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी। अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी की फिल्म खुदा गवाह को काबुल के अर्टल ब्रिज से लेकर मजार-ए-शरीफ तक अफगानिस्तान के कई हिस्सों में फिल्माया गया था।
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श्रीदेवी के साथ अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी फिल्म की शूटिंग के लिए उस समय अफगानिस्तान गए थे जब वहां गोलाबारी होना आम बात हुआ करती थी। फिल्म की शूटिंग बुजकशीं (अफगानिस्तान) की पाक मजार-ए-शरीफ पर भी हुई थी।
एक बार जब अमिताभ और श्रीदेवी (Sridevi) यहां पर शूटिंग कर रहे थे तो वहां के पूर्व राष्ट्रपति नजीबुल्ला अहमदजई ने उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान नजीबुल्ला ने देश की लगभग आधी फोर्स अमिताभ बच्चन की सिक्योरिटी में तैनात कर दी थी।
इतना ही नहीं, जब श्रीदेवी फिल्म की शूटिंग कर रही थीं तो उस दौरान वे अफगानिस्तान में शांति का प्रतीक बन गई थीं। इतना ही नहीं, उस दौर में यहां के आतंकी भी श्रीदेवी के इस कदर दीवाने थे कि उनका नाम सुनते ही वो गोलाबारी करना बंद कर देते थे।
अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ इलाके में भी अमिताभ बच्चन- श्रीदेवी की फिल्म खुदा गवाह की शूटिंग हुई थी। इस फिल्म की शूटिंग के लिए अमिताभ बच्चन जब अफगानिस्तान पहुंचे थे तो वहां के राष्ट्रपति नजीबुल्ला अहमदजई ने अमिताभ की खातिरदारी अपने निजी मेहमान की तरह की थी।
अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म को याद करते हुए कुछ साल पहले अपने ब्लॉग में लिखा था- मुझे नहीं पता कि अब मेरे मेजबान कहां हैं? अक्सर मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि वे कहां होंगे? अमिताभ बच्चन की हिफाजत के लिए आधी सेना लगा देना वाले राष्ट्रपति नजीबुल्ला का सितंबर, 1996 में तालिबान ने बेहद क्रूरता के साथ कत्ल कर दिया था।
बता दें कि खुदा गवाह की शूटिंग के वक्त अफगानिस्तान में कुछ लोकेशंस ऐसी भी थीं, जहां सिर्फ घोड़ों के जरिए ही पहुंचा जा सकता था और तब अमिताभ बच्चन और उनके काफिले को छोटे-छोटे हवाई जहाजों से नेपाल की सीमा तक पहुंचाया जाता था और वहां से पूरी यूनिट घोड़ों की पीठ पर लोकेशन तक पहुंचती थी।
खुदा गवाह की कहानी एक कबीले की है। घोड़ों पर चढ़कर खेले जाने वाले खेल बुजकशी के एक खेल में बादशाह खान यानी अमिताभ बच्चन की आंखें बेनजीर को देखती हैं। इसके बाद वो ये शर्त रखती है कि बादशाह खान को उस कातिल का सिर काटकर लाना होगा, जिसने उसके पिता की हत्या की है।
बादशाह खान इसके लिए हिंदुस्तान आता है। कातिल का पता लगाता है और बेनजीर से किया अपना वादा पूरा करने के बाद हिंदुस्तान के कानून के हिसाब से सजा काटने फिर भारत लौट आता है। कहानी इसके बाद अगली पीढ़ी तक पहुंचती है। श्रीदेवी अब मेहंदी के किरदार में होती हैं और कहानी यहीं से नया मोड़ लेती है। फिल्म में श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन की एक्टिंग लोगों ने खूब पसंद की थी।