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'दिवालिया' हो चुके अनिल अंबानी को अब भी भरोसा, निकल आएंगे चीनी बैंकों के लफड़े से
बिजनेस डेस्क। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने भरोसा जताया कि वो एसबीआई के अलावा चीनी कर्जदाताओं के मामले को सुलझा लेंगे। एक बार फिर खुद का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जो कर्ज लिया गया था वो व्यक्तिगत नहीं बल्कि कॉर्पोरेट लोन था। इसे ग्रुप की टेलिकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) के लिए लिया गया था। मंगलवार को रिलायंस पावर के सालाना बैठक (एजीएम) में शेयरहोल्डर्स को आश्वस्त किया कि वो इस मुश्किल से निकल आएंगे।
| Published : Jun 23 2020, 06:36 PM IST / Updated: Jun 24 2020, 10:27 AM IST
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अनिल अंबानी की कंपनी RCom दिवालिया हो चुकी है। तीन चीनी बैंकों के कर्ज मामले में 22 मई को ब्रिटेन की एक अदालत ने अंबानी को आदेश दिया था कि वह 21 दिनों के भीतर चीनी बैंकों को 717 मिलियन डॉलर (करीब 5,448 करोड़) का भुगतान करें। सुनवाई के दौरान अदालत ने अंबानी के पर्सनल गारंटी के तर्क को खारिज करते हुए यह भी मानने से इनकार कर दिया था कि उनकी नेटवर्थ शून्य है।
हस्ताक्षर की बात से किया इनकार
हालांकि अभी भी अनिल कॉरपोरेट गारंटी की बात कर रहे हैं और किसी तरह के हस्ताक्षर से इनकार कर रहे हैं। ऑनलाइन हुई एजीएम में अनिल अंबानी ने कहा कि हकीकत में उन्होंने सिर्फ चीनी बैंकों के कमफर्ट के लिए पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर किए थे न कि पर्सनल गारंटी के पेपर्स पर। उन्होंने एसबीआई द्वारा हाल में दायर मामले को भी पर्सनल गारंटी से जुड़ा मानने से इनकार कर दिया।
शेयरहोल्डर्स को भरोसा
अनिल अंबानी को RCom के अन्य कर्जदाताओं से भी कानूनी लड़ाई करना पड़ रहा है। हाल ही में एसबीआई ने भी व्यक्तिगत गारंटी के तहत अनिल अंबानी से 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली के लिए दिवालिया अदालत का रुख किया था। एजीएम में अनिल ने सभी शेयरहोल्डर्स को भविष्य के लिए आश्वस्त किया।
बड़े भाई की राह पर अनिल अंबानी
बड़े भाई मुकेश अंबानी की तरह अनिल ने कहा कि 2020-2021 तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई कर्ज नहीं होगा। उन्होंने कहा, "प्रमोटर्स की योजना कंपनी में लागू रेगुलेटर गाइडलाइन के तहत शेयरहोल्डिंग्स बढ़ाने की है। होल्डिंग घटकर 14.70 प्रतिशत आने के बाद कर्जदाताओं ने कंपनी के शेयरों को गिरवी रख लिया था। हम इस वित्त वर्ष के दौरान कर्ज मुक्त कंपनी बन जाएंगे।
कंपनी के पास कितनी पूंजी
अनिल अंबानी ने बताया कि इस वक्त कंपनी के पास 65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी, 11,000 करोड़ से ज्यादा नेटवर्थ और 5,000 करोड़ से ज्यादा कैशफ्लो है। इसमें 60 हजार करोड़ की प्राप्तियां रेगुलेटर और मध्यस्थता मामलों में फंसी हैं। अंबानी ने भरोसा जताया कि बाजार में कारोबार के सही मूल्य को जल्द ही पहचान लिया जाएगा। बताते चलें कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज के समाधान के लिए सपानी संपत्तियां बेचने की कोशिश कर रही है। एजीएम में अंबानी के बयान के बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयर 5 प्रतिशत बढ़कर 30.45 रुपये पर बंद हुए।
यह भी जान लें कि इस वक्त RCom पर करीब 46 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और कंपनी दिवालिया प्रक्रिया में है। चर्चा यह भी है कि इसे UVARCL और रिलायंस जियो खरीद सकती हैं।