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10 साल में 3,500 करोड़ के मालिक बनें OLA के CEO, कभी गर्लफ्रेंड की कार को भी धंधे में किया था इस्तेमाल
बिजनेस डेस्क: भारत में जब भी हम किसी टैक्सी की बात करते हैं, तो सबसे पहले जहन में Ola कैब का ही नाम आता है। 10 साल में इस कंपनी ने भारत में अपनी अविश्वसनीय जगह बनाई है। टैक्सी से लेकर ऑटो और बाइक्स तक यहां लोगों को अपनी सहूलियत के हिसाब से मिल जाती है। Ola को तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, इस कंपनी को बनाने वाले भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) के बारे में ? कैसे उन्होंने 10 साल में अपनी ग्रोथ 0 से 3,500 करोड़ तक कर ली। आज हम आपको बताते हैं, भाविश अग्रवाल के स्ट्रगल के बारे में, कि कैसे उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड की कार को भी धंधे में लगाकार ओला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
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Ola के लिए छोड़ी Microsoft कंपनी
18 अगस्त 1985 का पंजाब के लुधियाना में जन्में ने अपनी स्कूली शिक्षा सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से की है। इसके बाद 2008 में IIT मुंबई से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने Microsoft कंपनी में जॉब करना शुरू किया। उनके घरवालों को लगा कि माइक्रोसॉफ्ट में जॉब लगने से अब तो उनके बेटे की लाइफ सेट है। लेकिन भाविश के दिमाग में तो कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में सिर्फ दो साल ही काम किया और उसके बाद कंपनी छोड़ दी।
टैक्सी में बैठकर आया टैक्सी सर्विस का आइडिया
भाविश ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि एक बार बेंगलुरु से बांदीपुर के लिए उन्होंने कार किराए पर बुक की थी, जिसका अनुभव बेहद खराब रहा। बीच रास्ते में ड्राइवर ने गाड़ी रोककर और पैसा देने की मांग की। जिसके बाद भाविश को कार छोड़कर बाकी का सफर बस से करना पड़ा। उस समय उन्हें ये एहसास हुआ कि ऐसे कई लोग होंगे, जो खराब टैक्सी सर्विस से परेशान हुए होंगे, तो क्यों ना उन्हें एक बेहतर ऑप्शन दिया जाए।
अपने दोस्त के साथ शुरू की कंपनी
भाविश अग्रवाल ने जोधपुर के एक अन्य आईआईटीयन अंकित भाटी (Ankit Bhati) के साथ ओला कैब्स की स्थापना का प्लान बनाया। जब उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को ये प्लान बताया, तो लोग उन्हें क्रेजी (पागल ) कहने लगे। लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और 2011 में अपने दोस्त के साथ ओला कैब्स की सर्विसेज शुरू की।
पिता को लगा ट्रेवल एजेंट बनेगा बेटा
भाविश अग्रवाल ने जब पहली बार इस प्रोजेक्ट के बारे में अपने पिता को बताया, तो उन्होंने कहा , तू ट्रेवल एजेंट बनेगा ? हालांकि, उन्हें भाविश के बिजनेस से दिक्कत नहीं थी। बस उन्हें ये चिंता सताए जा रही थी, कि कहीं इन सबके चक्करों में पड़कर , उनका बेटा ट्रेवल एजेंट न बन जाए |
गर्लफ्रेंड की कार भी बनाई टैक्सी
शुरुआत में कंपनी को बनाने में भाविश और अंकित को कई समस्यों को सामना करना पड़ा। उन्होंने मुंबई के पोबई में वन बीएचके फ्लैट से अपने काम शुरुआत की। टैक्सी की संख्या कम होने के चलते उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड (अब वाइफ) की कार को भी धंधे में इस्तेमाल किया।
कंपनी के लिए खुद भी चलाई टैक्सी
भाविश अग्रवाल बताते हैं, कि शुरुआती दिनों में उन्हें ड्राइवर्स और कार मिलने में बहुत दिक्कत आती थी। ऐसे में वह भाड़े पर कार लेकर खुद ही टैक्सी चलाने निकल जाते थे।
3 साल में बुलंदियों पर पहुंची ओला
ओला कैब्स 3 साल के अंदर ही भारत में सबसे बड़े स्टार्टअप के रूप में उभरी। इतना ही नहीं, भाविश और अंकित 2015 में सबसे अमीर भारतीयों के लिस्ट में शामिल होने वाले सबसे कम उम्र के युवा थे।
सफलता के बाद भी नहीं खरीदी खुद के लिए कार
इतना पैसा कमाने के बाद भी भाविश ने खुद के लिए कार नहीं खरीदी। उन्होंने और उनकी वाइफ राजलक्ष्मी अग्रवाल ने प्रण किया, कि वे हमेशा OLA Service का ही उपयोग करेंगे। ताकि वे आने लोगों के लिए के मिसाल कायम कर सकें।
3500 करोड़ का टर्नओवर
भाविश अग्रवाल को टाइम मैग्जीन के 2018 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था। 2020 के कैल्कुलेशन के अनुसार उनकी कुल संपत्ति अब 3,500 करोड़ रुपये है। आज उनकी कैब सर्विसेज हर शहर में मिल जाती है।