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इस खेती से कर सकते हैं लाखों रुपए की कमाई, हर पौधे पर सरकार दे रही है 120 रुपए की मदद
बिजनेस डेस्क। परंपरागत खेती के अलावा कुछ खास तरह की खेती में किसानों को ज्यादा फायदा हो सकता है। अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए किसान व्यावसायिक खेती में हाथ आजमा सकते हैं। बांस के पेड़ लगभग सभी गांवों में पाए जाते हैं। ये पेड़ एक साथ काफी संख्या में लगाए जाते हैं। इन्हें बंसवाड़ी भी कहा जाता है। पहले बांस का इस्तेमाल काफी किया जाता था। मकान बनाने में बांस का इस्तेमाल तो होता ही था, इससे टोकरियां और कई तरह की चीजें भी बनाई जाती थीं। अब सरकार फिर से बांस की खेती को बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए राष्ट्रीय बैंबू मिशन (National Bamboo Mission) भी बनाया गया है। बांस की खेती करने पर सरकार हर पौधे पर 120 रुपए की सब्सिडी भी दे रही है। अगर किसान बांस की खेती करते हैं, तो इससे उन्हें अच्छी कमाई हो सकती है।
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पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की थी चर्चा
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर आने वाले अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में बांस की खेती की चर्चा की थी। देश के नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में बांस की खेती काफी की जाती है। वहां बांस से कई तरह के प्रोडक्ट भी बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बांस से बने वॉटर बोतल और टिफिन बॉक्स की काफी सरहाना की थी और किसानों से इसकी खेती करने को कहा था। बांस की खेती में थोड़ा समय तो जरूर लगता है, पर मुनाफा काफी अच्छा होता है।
सरकार ने नियम में किया बदलाव
बांस को लेकर सरकार ने पेड़ों से जुड़ी अपनी नीति में बदलाव किया है, ताकि किसानों को इसकी खेती में कोई परेशानी नहीं हो। जनवरी, 2018 से सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया है। इससे बांस का पेड़ काटने पर किसानों पर फॉरेस्ट एक्ट नहीं लगेगा। हालांकि, यह नियम सिर्फ निजी जमीन पर लगे बांस के पेड़ों पर ही लागू होगा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की जमीन पर लगे बांसों को कोई नहीं काट सकता है।
बांस की होती हैं कई किस्में
बांस की कई किस्में होती हैं। बांस की कुल 136 प्रजातियां पाई जाती हैं। अलग-अलग काम के लिए बांस की अलग-अलग किस्मों का इस्तेमाल होता है। इसलिए इसकी खेती शुरू करने के पहले यह तय करना होगा कि आप किस काम के लिए इसका उपयोग करेंगे। अगर आप फर्नीचर के लिए बांस की खेती करना चाहते हैं, तो आपको संबंधित प्रजाति का पौधा लेना होगा। सरकारी नर्सरी से इसके पौधे मुफ्त में मिलते हैं।
कितने साल में तैयार होते हैं पेड़
बांस के पेड़ 3 से 4 साल के बीच में तैयार हो जाते हैं। चौथे साल से बांस की कटाई की जा सकती है। बांस का पौधा 3 से 4 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। इसलिए बीच की जगह में किसी दूसरे चीज की खेती की जा सकती है। बांस की पत्तियों का इस्तेमाल पशुओं के चारे के तौर पर किया जा सकता है।
पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है बांस
बांस की खेती पर्यावरण के लिहाज से बेहतर मानी गई है। आजकल प्लास्टिक की जगह बांस के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। बांस की पानी की बोतल, बांस के बैग, बांस के हैंडिक्राफ्ट्स, बांस के फर्नीचर और बांस की जूलरी की मांग काफी बढ़ रही है। इसलिए बांस की डिमांड काफी है और इसकी अच्छी-खासी कीमत किसानों को मिल रही है।
मिलेगी सरकारी मदद
बांस की खेती में सरकार की ओर से किसानों को अच्छी-खासी मदद दी जा रही है। बांस की खेती में प्रति पेड़ 3 साल में औसत लागत 240 रुपए आती है। इसमें 120 रुपए प्रति पौधा सरकारी मदद के रूप में मिलते हैं। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों को छोड़ कर दूसरे सभी इलाकों में बांस की खेती में 50 फीसदी रकम किसान लगाएगा और 50 फीसदी सरकार लगाएगी। वहीं, नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में किसान 40 फीसदी खर्च उठाएगा और सरकार 60 फीसदी सब्सिडी देगी। 50 फीसदी सरकारी सब्सिडी में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार का हिस्सा होगा। वहीं, नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में मिलने वाली 60 फीसदी मदद में केद्र का हिस्सा 90 फीसदी और राज्य सरकारों का हिस्सा 10 फीसदी होगा।
कितनी हो सकती है कमाई
बांस की खेती में कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कितने क्षेत्र में प्लान्टेशन किया है। जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर जमीन में 1500 से 2500 बांस के पौधे लगाए जा सकते हैं। बांस के दो पौधे के बीच की खाली जगह का इस्तेमाल कोई दूसरी फसल उगाने के लिए किया जा सकता है। एक हेक्टेयर में बांस के प्लान्टेशन से 4 साल के बाद 3 से 3.5 लाख रुपए प्रति वर्ष कमाई हो सकती है। बांस की कटाई के बाद हर साल इसके रिप्लान्टेशन की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि बांस का पौधा करीब 40 साल तक पनपता रहता है। इस लिहाज से बांस की खेती में काफी अच्छा मुनाफा है।