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पिता धीरूभाई की वो पांच बातें जिनकी वजह से बेटे मुकेश अंबानी हैं दुनिया के 10वें सबसे अमीर आदमी
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बिजनेस डेस्क। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। अब रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटल 150 अरब के रिकॉर्ड लेवल को पार कर गया है। इसके चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनरीज इंडेक्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 6.5 अरब डॉलर (करीब 4,90,800 करोड़ रुपए) से बढ़ कर 64.5 बिलियन डॉलर हो गई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया है और अब रिलायंस पूरी तरह से कर्जमुक्त कंपनी हो चुकी है। रिलायंस ने जियोमार्ट के जरिए रिटेल के बिजनेस में भी कदम आगे बढ़ा दिया है। मुकेश अंबानी किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार बिग बाजार को खरीदने के लिए डील कर रहे हैं। इस तरह, मुकेश अंबानी ने बेहद मामूली पूंजी से शुरू किए गए पिता धीरूभाई अंबानी के करोबार को नई उंचाइयों पर पहुंचा दिया है। मुकेश अंबानी जब पिता के बिजनेस से जुड़े तो धीरूभाई अंबानी ने उन्हें बिजनेस के कुछ खास गुर बताए थे। उन्होंने मुकेश अंबानी को 5 खास बातें बताई थीं, जिन पर चल कर कोई भी सफलता हासिल कर सकता है। 6 जुलाई को धीरूभाई अंबानी की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम बताने जा रहे हैं धीरूभाई की वे बातें जो किसी के लिए भी बेहद काम की हो सकती हैं।
फर्श से अर्श तक पहुंचे थे धीरूभाई अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना करने वाले धीरूभाई अंबानी ने फर्श से अर्श तक सफर तय किया था। उन्होंने बेहद मामूली तन्ख्वाह पर यमन में पेट्रोल पंप पर अटेंडेंट की नौकरी करने के साथ अपने करियर के शुरुआती दौर में पकौड़े तक भी बेचे थे। बाद में मुंबई में उन्होंने पॉलिस्टर यार्न का कारोबार शुरू किया। 1966 में उन्होंने वस्त्र निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और विमल जैसे ब्रांड की शुरुआत की।
पेट्रोकेमिकल के बिजनेस में आए
बाद में जब मुकेश अंबानी अपने पिता के बिजनेस से जुड़े तो उन्होंने कंपनी को पेट्रोकेमिकल और पेट्रोलियम के व्यवसाय की तरफ शिफ्ट किया। धीरूभाई अंबानी ने काफी संघर्ष करके कंपनी को शीर्ष पर पहुंचा दिया था। 28 दिसंबर,1932 को गुजरात के सिलवासा में जन्मे धीरूभाई ने मामूली शिक्षा पाई थी, लेकिन उन्होंने रिलायंस को भारत की पहली ऐसी कंपनी बना दिया था, जिसे फोर्ब्स की लिस्ट में जगह मिली थी।
धीरूभाई का मंत्र
धीरूभाई अंबानी का कहना था कि कामयाबी कभी भी आसानी से नहीं मिलती। उनका कहना था कि इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और लक्ष्य तक पहुंचने के बाद उससे भी आगे कदम आगे बढ़ाना होता है। धीरूभाई ने यही सीख अपने बेटे मुकेश अंबानी को दी। धीरूभाई अंबानी का कहना था कि एक सफलता मिलने या लक्ष्य हासिल होने पर रुकना नहीं चाहिए, बल्कि आगे की मंजिल तय करनी चाहिए। अपने पिता से मिली सीखों के बल पर ही आज मुकेश अंबानी ने कामयाबी के इस मुकाम तक सफर तय किया है।
लक्ष्य तय करें
धीरूभाई अंबानी का कहना था कि बिजनेसमैन को पता होना चाहिए कि उसका लक्ष्य क्या है। कोई भी नया काम शुरू करने के पहले जब तक उसे इसका पता नहीं होगा, वह सफलता नहीं हासिल कर सकता है। बिना लक्ष्य तक किए चाहे कितनी भी मेहनत क्यों न करें, सफलता नहीं मिल सकती।
रिलेशनशिप नहीं पार्टनरशिप
रिलायंस जियो की लॉन्चिंग के बाद मुकेश अंबानी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी बिजनेस के मामले में उन्हें बेटे की तरह नहीं, पार्टनर की तरह मानते थे और वैसा ही व्यवहार करते थे। धीरूभाई का कहना था कि बिजनेस में रिलेशनशिप नहीं, पार्टनरशिप चलती है। वे अपने बच्चों को बिजनेस में पार्टनर मानते थे।
पॉजिटिविटी जरूरी
धीरूभाई का कहना था कि हर हाल में पॉजिटिव रहना जरूरी है। चाहे परिस्थिति जैसी भी हो, सकारात्मक बने रहें। इसके बिना सफलता नहीं मिल सकती। धीरूभाई का कहना था कि पॉजिटिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ने पर सफलता जरूर मिलती है। उनका कहना था कि हर फील्ड में नेगेटिव स्वभाव वाले लोग रहते हैं, लेकिन उनसे दूर रहना चाहिए।
नाकामी से निराश मत हों
धीरूभाई का कहना था कि सफलता आसानी से नहीं मिलती। किसी भी फील्ड में लोगों को कई बार असफलता का सामना करना पड़ता है। नाकामी से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि सीख लेनी चाहिए। असफलता का डट कर मुकाबला करना जरूरी है। मुकेश अंबानी का कहना है कि उन्हें कई बार असफलता मिली, लेकिन अपने पिता की सीख उन्हें हमेशा याद रही।
बेहतर टीम जरूरी
धीरूभाई अंबानी का मानना था कि बिजनेस में सफलता हासिल करने के लिए एक अच्छी टीम का होना जरूरी है। अच्छी और अपने काम में महारत रखने वाली टीम के बिना सफलता हासिल कर पाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अच्छे और अपने काम में माहिर लोगों की टीम बनानी चाहिए। कोई भी कंपनी एक अच्छी टीम की बदौलत आगे बढ़ती है।