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मुकेश-अनिल अंबानी एक-दूसरे को फूटी आंख भी देखने को नहीं थे तैयार, घर से बाहर के इन दो शख्सों ने कराई थी सुलह
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कोकिलाबेन थीं बहुत परेशान
परिवार में चल रहे इस विवाद से धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन बहुत परेशान थीं। कोकिलाबेन चाहती थीं कि किसी तरह दोनों भाइयों में समझौता हो जाए और परिवार में शांति बनी रहे। इसके लिए वे बेटों को समझाने की कोशिश में लगीं थीं, लेकिन कोई उनकी बात मानने को तैयार नहीं था।
मोरारी बापू को बुलाया मध्यस्थता के लिए
जब मुकेश और अनिल अंबानी के बीच विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया तो उनकी मां कोकिलाबेन अंबानी ने मध्यस्थता के लिए विख्यात कथावाचक मोरारी बापू को बुलाया। मोरारी बापू अंबानी परिवार के काफी करीब थे। बताया जाता है कि मोरारी बापू ने दोनों भाइयों के बीच विवाद को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई।
आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई ओझा भी आए
मोरारी बापू के अलावा कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई ओझा ने भी मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच विवाद को सुलझाने में भूमिका निभाई। दोनों बेटों के बीच विवाद से दुखी कोकिला बेन ने इनसे भी मदद की गुजारिश की थी।
अंबानी परिवार के बेहद करीबी हैं रमेश भाई
आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई अंबानी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे धीरूभाई अंबानी के समय से ही परिवार के काफी नजदीक रहे हैं। वे गुजरात के पोरबंदर में संदीपनी विद्या निकेतन और आश्रम का संचालन करते हैं।
मुकेश-नीता अंबानी की शादी में निभाई थी भूमिका
रमेश भाई ओझा ने मुकेश अंबानी की नीता अंबानी से शादी में भी अहम भूमिका निभाई थी। धीरूभाई अंबानी उन पर बहुत भरोसा करते थे। बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंबानी फैमिली में चल रहे विवाद को सुलझाने में उन्होंने काफी मदद की थी। 2011 में धीरूभाई अंबानी मेमोरियल के उद्घाटन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश भाई ओझा ने ही की थी।
पीएम नरेंद्र मोदी के भी हैं करीब
रमेश भाई ओझा पीएम नरेंद्र मोदी के भी काफी करीब हैं। स्वच्छ भारत मिशन योजन की शुरुआत के दौरान पीएम मोदी ने रमेश भाई ओझा के योगदान की काफी प्रशंसा की थी। इसके बाद गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।
मुकेश और अनिल अंबानी पर रखते हैं असर
रमेश भाई ओझा का मुकेश और अनिल अंबानी, दोनों भाइयों पर अच्छा-खासा असर है। वे रमेश भाई की आध्यात्मिकता से काफी प्रभावित रहते हैं। दोनों भाई अक्सर धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। कारोबार में घाटे के बाद अनिल अंबानी का आध्यात्मिक रुझान इन दिनों बढ़ गया है।
धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं अनिल अंबानी
अनिल अंबानी मानसिक शांति के लिए धार्मिक स्थलों की यात्रा करते रहे हैं। पहले से भी अध्यात्म में उनकी रुचि रही है। पीएम मोदी के क्लीन इंडिया मिशन के तहत अनिल अंबानी ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की सफाई में योगदान किया था।
अनिल अंबानी की कारोबारी हालत इस वक्त काफी खराब है। उनकी कुछ कंपनियां बिकने की खबर भी आई थी। अनिल अंबानी पर चीनी बैंकों का भारी भरकम कर्ज है।
लगातार घाटे और कर्ज की दबाव की वजह से अनिल अंबानी की कुछ कंपनितों के बिकने की खबरें हैं। बावजूद अब भी उनके ऊपर काफी देनदारी है। चीनी बैंकों का मामले में लंदन की अदालत ने कर्ज चुकाने की समय सीमा दी है।
चीनी बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में अनिल अंबानी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले साल भी स्वीडेन की कंपनी एरिकसन के कर्ज मामले में अनिल जेल जाते-जाते बचे थे, मगर तब उनके बड़े भाई अनिल अंबानी ने उन्हें मदद दी थी।
अब देखना ये है कि अनिल अंबानी संकटों से कैसे उबर पाते हैं। हालांकि चीनी बैंक मामले में उनकी ओर से कानूनी कदम उठाने की अटकलें हैं।