मुकेश अंबानी के ऊपर कई लाख करोड़ का है कर्ज, अब तक जियो से जुटाए इतने रुपये
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जियो में हुआ है बड़े पैमाने पर निवेश
हाल के दिनों में रिलांयस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में दुनिया की बड़ी कंपनियों ने भारी निवेश किया है। इन कपंनियों में फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबादाला, एडीआईए और टीपीजी के नाम शामिल हैं।
कितना हो चुका है निवेश
आंकड़ों के मुताबिक, जियो प्लेटफॉर्म्स में पिछले दो महीने में 1,04,326.95 करोड़ रुपए का निवेश 22.38 फीसदी इक्विटी के लिए हो चुका है। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की शुरुआत इस साल 22 अप्रैल को फेसबुक ने की थी।
TPG ने किया हिस्सेदारी खरीदने का फैसला
जियो प्लेटफॉर्म्स में एक और ग्लोबल फर्म TPG ने हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। ग्लोबल अल्टरनेटिव एसेट फर्म TPG जियो प्लेटफॉर्म्स में 4,546.80 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इससे TPG को जियो प्लेटफॉर्म्स में 0.93 फीसदी की हिस्सेदारी मिलेगी।
टेलिकॉम और टेक बिजनेस में शिफ्ट हो रही रिलायंस
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होने की बात चलने से पेट्रोकेमिकल के बिजनेस में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इसे देखते हुए मुकेश अंबानी अपने बिजनेस को टेलिकॉम और इंटरनेट टेक्नोलॉजी की तरफ शिफ्ट करना चाहते हैं। यह सारी कवायद इसी मकसद से की जा रही है।
एक ही दिन में जुड़े दो बड़े निवेशक
13 जून, शनिवार को जियो प्लेटफॉर्म्स में दो बड़े निवेशकों ने निवेश की घोषणा की। TPG ने तो पहले ही निवेश करने के संकेत दिए थे, लेकिन 13 अप्रैल को इस कंपनी ने 0.93 फीसदी इक्विटी के लिए 4,546.80 करोड़ रुपए और एल केटरटन ने 0.39 फीसदी इक्विटी के लिए 1,894.50 करोड़ रुपए के निवेश की औपचारिक घोषणा की।
तय समय से पहले कर्जमुक्त हो सकती कंपनी
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की इस तेज रफ्तार को देखते हुए इस बात में कोई संदेह नहीं कि मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को मार्च 2021 में कर्ज से मुक्त करने का जो लक्ष्य तय किया है, वह समय से पहले भी पूरा हो सकता है। दरअसरल, मुकेश अंबानी ने जियो के माध्यम से भारत में टेलिकम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई। इसके बारे में पूरी दुनिया को पता है। यही वजह के दुनिया के बड़े निवेशकों का उन पर पूरा भरोसा है।
लिखी कामयाबी की कहानी
इस तरह देखा जाए तो कोरोना संकट के दौरान जहां ज्यादातर उद्योगपति कारोबार में मंदी से परेशान हैं, वहीं मुकेश अंबानी लगातार एक बाद एक कामयाबी की नई कहानी लिखते जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि आपदा को अवसर में बदलने की मुकेश अंबानी की रणनीति पूरी तरह सफल रही है।