फिर जारी हुआ सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, जानें इसमें कब तक कर सकते हैं निवेश
बिजनेस डेस्क। गोल्ड में निवेश करना हर हाल में फायदे का सौदा होता है। अब सोना खरीदने की जगह सरकार के गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) में निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) जारी करता है। इस गोल्ड बॉन्ड में रिजर्व बैंक ने इश्यू प्राइस फिक्स कर दिया है। जानें क्या है इसकी कीमत और कब तक कर सकते हैं इसमें निवेश।
(फाइल फोटो)
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प्रति ग्राम कीमत 5051 रुपए
रिजर्व बैंक ने 9 अक्टूबर को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5051 रुपए प्रति ग्राम फिक्स कर दिया है। रिजर्व बैंक ने एक बयान करके यह जानकारी दी है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 (सीरीज-7) 12-16 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा।
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क्लोजिंग प्राइस
गोल्ड बॉन्ड की सब्सक्रिप्शन प्राइस इश्यू होने वाले हफ्ते के पिछले हफ्ते के अंतिम तीन कारोबारी दिवस पर 999 शुद्धता के सोने के भाव की क्लोजिंग प्राइस के आधार पर नॉमिनल वैल्यू निर्धारित होती है। ये बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भारत सरकार की ओर से जारी करता है।
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ऑनलाइन निवेश पर 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बयान में कहा गया है कि जो निवेशक गोल्ड बांड के सब्सक्रिप्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर इसका पेमेंट डिजिटल मोड में करेंगे, उन्हें 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट भी दी जाएगी। ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस छूट के बाद 5001 रुपए प्रति ग्राम हो जाएगी।
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पहले 5117 रुपए थी प्राइस
इससे पहले की बॉन्ड सीरीज-6 की इश्यू प्राइस 5117 रुपए प्रति ग्राम थी। यह सब्सक्रिप्शन 31 अगस्त से 4 सितंबर तक खुला था।
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अगला सब्सक्रिप्शन नवंबर में
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम अगला सब्सक्रिप्शन नवंबर में आएगा। 2020 21 सीरीज-8 का यह सब्सक्रिप्शन 9 नवंबर से 13 नवंबर तक खुला रहेगा। इसका इश्यू प्राइस सब्सक्रिप्शन खुलने के कुछ दिन पहले तय किया जाएगा।
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कौन कर सकता है निवेश
इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भारतीय नागरिक, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्थाएं निवेश कर सकती हैं। इस बॉन्ड में न्यूनतम 1 ग्राम और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम का निवेश किया जा सकता है। हालांकि, ट्रस्ट एक वित्त वर्ष में 20 किलोग्राम तक का निवेश कर सकता है।
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कितने साल के लिए होता है निवेश
इस बॉन्ड में निवेश 8 साल के लिए होता है। इसमें 5 साल के बाद एग्जिट का ऑप्शन भी मिलता है। इस बॉन्ड में बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), चुनिंदा पोस्ट ऑफिस और मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के जरिए निवेश किया जा सकता है।
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