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फेसबुक-जियो डील से चमकेगा रिलायंस इंडस्ट्रीज का भविष्य, S&P ने कहा- कंपनी के प्रॉफिट में आएगी तेजी
बिजनेस डेस्क: कोरोना से चुनौती भरे इस माहौल में भी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार आने वाले दिनों में भी स्थिर रहने का अनुमान जताया गया है। एसएंडपी ग्लोबल ने कारोबार में आने वाले दिन को स्थाई बताते हुए हुए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी उसकी वित्तीय साख को वर्तमान बीबीबी+ पर बनाए रखा है। एसएंडपी ने बुधवार को कहा कि तेल से लेकर रिटेल सेक्टर में कार्यरत रिलायंस कंपनी का कर्ज अगले एक-दो साल में कम हो जाएग और इसमें स्थिरता आ जाएगी।
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फेसबुक ने जियो में खरीदी 10 फीसदी हिस्सेदारी
एजेंसी ने कंपनी के अनुशासित खर्च, संपत्तियों की व्यवस्थित बिक्री और मजबूत लाभ बनाए रखने की क्षमता का जिक्र करते हुए कहा है की उसकी रेटिंग का स्तर वर्तमान बीबीबी+ श्रेणी में बनाए रखा है। फेसबुक ने पिछले सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की।
डील से रिलायंस कम करना चाहती है कर्ज
स्टैंडर्ड और पुअर्स (एसएंडपी) के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सौदे से मिलने वाली 43,574 करोड़ रुपये (5.7 अरब डॉलर) की राशि का इस्तेमाल अपने कर्ज को कम करने के लिए करेगी। फेसबुक के साथ हुए इस डील से रिलायंस इंडस्ट्रीज का डिजिटल कारोबार में विस्तार होगा।
व्हाट्सएप एप्लीकेशन पर जिओमार्ट
मालूम हो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज फेसबुक के व्हाट्सएप एप्लीकेशन पर अपने जिओमार्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को उतारने की प्रक्रिया तेज करने के लिए फेसबुक के साथ मिलकर काम करेगी। एसएंडपी ग्लोबल ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि डिजिटल और रिटेल सेक्टर्स में घरेलू बाजार में कंपनी की मुख्य उपस्थिति से अगले दो साल तक रिलायंस इंडस्ट्रीज के परिचालन का प्रदर्शन बेहतर बना रहेगा।’’
24 महीनों में कर्ज होगा स्थिर
एसएंडपी ने कहा कि उसे अनुशासित खर्च, संपत्तियों की व्यवस्थित बिक्री और लगातार बढ़िया कमाई के कारण अगले 12-24 माह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कुल कर्ज के कम होकर स्थिर स्तर आ जाने की उम्मीद है। इसी कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज की बीबीबी+ रेटिंग के साथ स्थिर परिदृश्य में उसने भरोसा दिखाया है।
15 फीसदी बढ़ेगी रिलायंस की इनकम
डिजिटल और रिटेल सेक्टर्स से रिलायंस इंडस्ट्रीज की कर पूर्व आय के वित्त वर्ष 2017-18 के 9,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 31,500 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। एसएंडपी ने कहा कि इसके साथ ही फेसबुक जैसे प्रमुख साझेदारों के निवेश के आने से डिजिटल और रिटेल सेक्टर से रिलायंस इंडस्ट्रीज को होने वाली आय के अगले तीन साल तक सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ने के अनुमान हैं।
सऊदी की अरामको भी करेगी निवेश
मालूम हो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरामको के साथ उसके तेल-से-रसायन कारोबार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण को लेकर पिछले साल अगस्त में एक नॉन- बाइंडिंग लेटर दिया है। एजेंसी ने कहा कि सऊदी अरामको और रिलायंस इंडस्ट्रीज का ये सौदा पूरा हो जाता है तो कर्ज के संदर्भ में ये सकारात्मक (क्रेडिट पॉजिटिव) होगा, क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सौदे से मिलने वाली रकम (1.1 लाख करोड़ रुपए अनुमानित ) का इस्तेमाल बकाया कर्ज का भुगतान कर कुल कर्ज के स्तर को कम करने की कोशिश करेगी।
राइट्स इश्यू लाने पर भी हो रहा है विचार
इन सबके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) कर्जमुक्ति के लिए राइट्स इश्यू लाने पर विचार कर रही है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला बोर्ड बैठक में होगा। आरआईएल ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज की दी जानकारी में कहा कि 30 अप्रैल को कंपनी की बोर्ड बैठक होगी जिसमें मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स के आधार पर इक्विटी शेयर जारी करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
रिलायंस पर करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज
भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 में हुए रिलायंस के AGM(Annual General Meeting) में रिलायंस को कर्जमुक्त बनाने का रोडमैप पेश किया था। इस प्लान के मुताबिक अंबानी रिलायंस को 2021 तक कर्जमुक्त और भारत की सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने वाली कंपनी बनाना चाहतें हैं। आरआईएल इस समय करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज से जूझ रही है।