- Home
- Business
- Money News
- अनिल अंबानी के एक ओर चीन तो दूसरी तरफ भारत के बैंक, कर्ज के फेर में हाथ से निकल जाएंगी निजी संपत्तियां
अनिल अंबानी के एक ओर चीन तो दूसरी तरफ भारत के बैंक, कर्ज के फेर में हाथ से निकल जाएंगी निजी संपत्तियां
बिजनेस डेस्क। भारत के दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी इस वक्त कारोबारी जीवन के सबसे मुश्किल दौर में हैं। उन पर देशी-विदेशी कई बैंकों का कर्ज है। कर्ज के लफड़े में उनकी निजी सम्पत्तियों पर भी हाथ से निकल जाने का खतरा दिख रहा है। चीनी बैंकों के बाद अब कर्ज वसूली के लिए भारत के सबसे बड़े बैंक ने भी ट्रिब्यूनल का सहारा ले लिया है। चीनी बैंकों के कर्ज मामले में लंदन का एक कोर्ट पहले से ही अनिल को कर्ज चुकाने की समयसीमा दे चुका है। हालांकि इस मामले में अभी अंबानी की ओर से न्यायिक कदम उठाने के संकेत मिले हैं।
| Published : Jun 12 2020, 02:36 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
हर तरफ संकट में घिरे अनिल अंबानी से कर्ज वसूली के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का रुख किया है। बैंक ने एनसीएलटी से कहा है कि नियमों के तहत अंबानी ने की कंपनियों को जारी किए गए लोन की वसूली सुनिश्चित की जाए।
अनिल अंबानी ने कर्ज के लिए बैंक को गारंटी दी थी। अब स्टेट बैंक ने इसकी वसूली के लिए पर्सनल गारंटर अनिल अंबानी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी रिजॉलूशन प्रोसेस की मांग की है। दरअसल, इस मांग के पीछे बैंक की अपनी मजबूरी भी है। बैंक ने सेक्शन 95 (1) के तहत एनसीएलटी में केस दायर किया है।
बैंक ने ट्रिब्यूनल से तत्काल मामले में सुनवाई की मांग की है। बताते चलें कि एनसीएलटी में कोई भी कर्ज देने वाला देश का बैंक लोन के गारंटर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर सकता है। बैंक ने यह तब किया है जब कर्ज देने वाले दूसरे बैंकों ने अनिल अंबानी के ग्रुप की कंपनियों को बेचे जाने को मंजूरी दी है।
स्टेट बैंक की मजबूरी यह भी है कि कर्ज वसूली के लिए कहीं उससे पहले दूसरी कंपनियां अनिल अंबानी की निजी संपत्तियों पर दावा न ठोक दें। ऐसा होने के चलते बैंक के पैसे डूबने का पूरी तरह से खतरा होगा। बैंक चाहता है कि वह कर्ज के एवज में अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी को हासिल कर ले।
बताते चलें कि अनिल अंबानी के ऊपर चीनी बैंकों का करीब 717 मिलियन डॉलर देय है। इस मामले में लंदन की कोर्ट ने अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस की ओर से लिए गए कॉरपोरेट लोन को चुकाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अनिल अंबानी के पर्सनल गारंटर और दूसरे तर्कों को खारिज कर दिया है।
हालांकि अनिल अंबानी के वकीलों ने मामले में अदालत के आदेश को जायज नहीं ठहराया और इसे लेकर कानूनी पहल कदम उठाने का संकेत दिया था। मगर अब तक इस बारे में ज्यादा कुछ सामने नहीं आ पाया है।
लंदन कोर्ट में अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी की बात को पूरी तरह से इनकार कर दिया था। याद हो कि ये वही केस है जिसमें अनिल अंबानी के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि उनके क्लाइंट दिवालिया हो चुके हैं।
अनिल के ऊपर भारी भरकम कर्ज है। हाल ही में देनदारी की वजह से उनकी कंपनियों के बिकने की भी खबरें आई थीं। पिछले साल स्वीडन की कंपनी एरिक्शन के कर्ज मामले में अनिल अंबानी पर जेल जाने का खतरा तक आ गया था।
मगर तब अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी ने करीब 460 करोड़ से ज्यादा रकम देकर उन्हें इस मुश्किल से निकाला था। अब देखना होगा कि अनिओ अंबानी फिलहाल की मुश्किलों से कैसे निकल पाते हैं।